Maine Gandhi Vadh Kyu Kiya Nathuram Godse | मैंने गांधी को क्यों मारा नाथूराम गोडसे PDF

मैंने गांधी को क्यों मारा नाथूराम गोडसे: Nathuram Godse Ne Gandhi Ji ko kyon mara

गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की कहानी और उनके हमले का प्रभाव अब तक विवादों का विषय रहा है। इस लेख में, हम गांधी के खिलाफ हमले के पीछे के कारणों को समझने का प्रयास करेंगे और नाथूराम गोडसे की दिलचस्प व्यक्तित्विक और सामाजिक पहचान को जांचेंगे।

नाथूराम गोडसे: जीवन की एक झलक

नाथूराम गोडसे, एक हिंदू एकता आंदोलन के सदस्य, 19 वीं सदी के भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने जीवन के दौरान विभिन्न कार्यों में योगदान दिया, जिनमें उनकी स्वतंत्रता संग्राम सेना में शामिल होना भी था।

गांधी के प्रति अस्पृश्यता का कारण

नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी के खिलाफ हमले का प्रमुख कारण थी उनकी अस्पृश्यता। गोडसे का दावा था कि गांधी ने हिंदू-मुस्लिम विवाद के बीच समानता की स्थापना की और हिंदू समाज को कमजोर बनाने का प्रयास किया। उनका मानना था कि गांधी की राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से वे देश के हिंदू समुदाय के हित के खिलाफ थे।

हिंसा की व्याख्या

गोडसे की हिंसा को व्याख्या करने के लिए हमें उनके दृष्टिकोण को समझना आवश्यक है। उनका मानना था कि हिंसा उपयोग किया जा सकता है जब समाज के लिए अवसर की अनुपस्थिति होती है और धार्मिक या राष्ट्रीय आदर्शों को संरक्षित करने के लिए जरूरी होता है। यह तर्क उन्हें गांधी के प्रति हिंसा का विचार करने पर प्रेरित करता है।

गोडसे का गृहस्थ और संन्यासी जीवन

नाथूराम गोडसे ने गांधी के हत्यारे के पश्चात अपने जीवन का एक नया मोड़ लिया। उन्होंने संघ संस्था में शामिल होकर सामाजिक कार्यों में अपना समय और ऊर्जा निवेश किया।

पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-

पुस्तक का नाम (Name of Book)Osho Vigyan Bhairav Tantra PDF / ओशो विज्ञान भैरव तंत्र पीडीएफ
पुस्तक का लेखक (Name of Author)Nathuram Godse
पुस्तक की भाषा (Language of Book)हिंदी | Hindi
पुस्तक का आकार (Size of Book)28 MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook)129
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)इतिहास / History

पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-

“वास्तव में मेरे जीवन का उसी समय अन्त हो गया था, जब मैंने गांधी पर गोली चलाई थी। उसके पश्चात् मैं मानो समाधि में हूँ और अनासक्त जीवन बिता रहा हूँ।

मैं मानता हूँ कि गांधी जी ने देश के लिए बहुत कष्ट उठाए, जिसके कारण मैं उनकी सेवा के प्रति एवं उनके प्रति नतमस्तक हूँ, किन्तु देश के इस सेवक को भी जनता को धोखा देकर मातृभूमि के विभाजन का अधिकार नहीं था।

मैं किसी प्रकार की दया नहीं चाहता हूँ। मैं यह भी नहीं चाहता हूँ कि मेरी ओर से कोई दया की याचना करे।

अपने देश के प्रति भक्ति भाव रखना यदि पाप है तो मैं स्वीकार करता हूँ कि वह पाप मैंने किया है। यदि वह पुण्य है तो उससे जनित पुण्य-पद पर मेरा नम्र अधिकार है।

मेरा विश्वास अडिग है कि मेरा कार्य नीति की दृष्टि से पूर्णतया उचित है। मुझे इस बात में लेशमात्र भी सन्देह नहीं कि भविष्य में किसी समय सच्चे इतिहासकार इतिहास लिखेंगे तो वे मेरे कार्य को उचित ठहराएंगे।”

  • नथूराम वि० गोडसे

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गोडसे का जन्म स्थान क्या था?

नाथूराम गोडसे का जन्म स्थान भारतीय राज्य महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था।

क्या नाथूराम गोडसे की राष्ट्रीयता के बारे में ज्ञात है?

नाथूराम गोडसे भारतीय नागरिक थे और उन्होंने अपने देश के लिए कार्य किया।

क्या नाथूराम गोडसे ने कभी अपने हमले के लिए पश्चाताप किया?

हां, नाथूराम गोडसे ने अपने हमले के लिए पश्चाताप किया और उन्होंने अपने देश के लिए अपनी जान दी।

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