पुस्तक के कुछ मशीनी अंश:
‘तन्त्र’ शब्द के अर्थ बहुत विस्तृत हैं, उनमें से सिद्धान्त, शासन प्रबन्ध, व्यवहार, नियम, वेद की एक शाखा, शिव-शक्ति आदि की पूजा और अभिचार आदि का विधान करने वाला शास्त्र, आगम, कर्मकाण्ड-पद्धति और अनेक उद्देश्यों का पूरक उपाय अथवा युक्ति प्रस्तुत विषय के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण हैं। वैसे यह शब्द ‘तन्’ और ‘त्र’ में इन दो धातुओं से बना है, अतः ‘विस्तारपूर्वक तत्त्व को अपने अधीन करना’ ‘- यह अर्थ व्याकरण की दृष्टि से स्पष्ट होता है,
लेखक | Dr Rudradev Tripathi |
भाषा | Hindi |
एकूण पृष्ठे | 180 |
Pdf साइज़ | 38.1 MB |
Category | तंत्र/Tantra |