नीरजा ( Nirja by Mahadevi Hindi PDF Book ) के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का नाम (Name of Book) | नीरजा | Nirja |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Mahadevi Verma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 300 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 116 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Poetry |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
प्रस्तुत गीति काव्य ‘नीरजा’ में ‘नोहार’ का उपासना-भाव और भी सुस्पष्टता और तन्मयता से जाग्रत हो उठा है। इसमें अपने उपास्य के लिए केवल आत्मा को करुण अधीरता ही नहीं, अपितु हृदय की विह्वल प्रसन्नता भी मिश्रित है।’ ‘नीरजा’ यदि अश्रुमुख वेदना के कणों से भीगी हुई है, तो साथ ही आत्मानन्द के मधु से मधुर भी है। मानो, कवि की वेदना, कवि की करुणा, अपने उपास्य के चरण-स्पर्श से पूत होकर आकाश गंगा की भाँति इस छायामय जग को सींचने में ही अपनी सार्थकता समझ रही है ।
‘नीरजा’ के गीतों में संगीत का बहुत सुन्दर प्रवाह है। हृदय के अमूर्त भावों को भी, नव-नव उपमाओं एवं रूपकों द्वारा कवि ने बड़ी मधुरता से एक-एक सजीव स्वरूप प्रदान कर दिया है। भाषा सुन्दर, कोमल, मधुर और सुस्निग्ध है। इसके अनेक गीत अपनी मार्मिकता के कारण सहज ही हृदयंगम हो जाते हैं।
श्रीमती वर्मा हिन्दी कविता के इस वर्तमान युग की वेदना- प्रधान कवियित्री हैं। उनकी काव्य-वेदना आध्यात्मिक है। उसमें आत्मा का परमात्मा के प्रति आकुल प्रणय निवेदन है। कवि की आत्मा, मानो विश्व में बिछुड़ी हुई प्रेयसी की भांति अपने प्रियतम का स्मरण करती है । उसकी दृष्टि से विश्व को सम्पूर्ण प्राकृतिक शोभा- सुषमा एक अनन्त अलौकिक चिर सुन्दर की छायामात्र है।
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