पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | गौतम बुद्ध की कहानियाँ | Mahatma Buddha Ki Kahaniyan PDF in Hindi |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Bharat Lal Sharma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 1 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 123 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | कहानियाँ / Stories |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
राजा के यहाँ बुद्ध का जन्म हुआ। पिता ने ज्योतिषियों को बुलाकर भविष्य पूछा। उन्होंने कहा, “या तो यह सम्राट् होगा और या तो यह साधु होगा।” एक तरह से देखा जाए तो सच्चा सम्राट् भीतर से साधु ही होता है। जब ज्योतिषियों की भविष्यवाणी राजा ने सुनी तो वे घबरा गए कि मेरा बेटा साधु हो जाए, ऐसा ठीक नहीं होगा। राजा ने पूछा, “कोई उपाय बताएँ, क्योंकि मैं चाहता हूँ कि राजा का पुत्र राजा ही बने।”
ज्योतिषियों ने कहा कि इसका लालन-पालन व पूरा जीवन बड़ी सावधानी में बिताना होगा। अर्थात् आपका पुत्र सिद्धार्थ कभी किसी बूढ़े व्यक्ति को न देखे, कभी किसी बीमार व्यक्ति को न देखे और कभी किसी मरे हुए व्यक्ति को न देखे। जब तक ऐसा होगा तब तक वे राजा ही बने रहेंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे साधु बन जाएँगे।
राजा शुद्धोधन ने अपने पुत्र सिद्धार्थ के लिए बढ़िया-से-बढ़िया, बड़े-बड़े महल, अच्छे से अच्छा भोजन, दास दासियाँ और खाने-पीने के सामान आदि वस्तुओं के ढेर लगा दिए। पिता ने पुत्र को सुख-सुविधाओं में इतना उलझा दिया कि उसे बाहर का संसार याद ही नहीं आया। शुद्धोधन ने समझ लिया कि अब इतने सुखों के आगे साधु बनने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वे निश्चिंत हो गए।
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बुद्ध धर्म के तीन प्रमुख ग्रन्थ है,जिन्हें त्रिपिटक कहा जाता है।
शास्त्र स्वाभाविक रूप से तीन में विभाजित है: ‘सुत्त पिटक’, बुद्ध के प्रवचन और शब्द, ‘विनय पिटक’, मठवासी नियम और ‘अभिधम्म पिटक’, शैक्षिक विश्लेषणात्मक कार्य ।
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