अतीत के चलचित्र ( Ateet Ke Chalchitra ) के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का नाम (Name of Book) | अतीत के चलचित्र / Ateet Ke Chalchitra |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Mahadevi Verma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 15 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 226 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Novel |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
इन स्मृति-चित्रों में मेरा जीवन भी आ गया है। यह स्वाभाविक भी था । अँधेरे की वस्तुओं को हम अपने प्रकाश की धुंधली या उजली परिधि में लाकर ही देख पाते हैं; उसके बाहर तो वे अनन्त अन्धकार के अंश हैं । मेरे जीवन की परिधि के भीतर खड़े होकर ये चरित्र जैसा परिचय दे पाते हैं वह बाहर रूपान्तरित हो जायगा ।
फिर जिस परिचय के लिए कहानीकार अपने कल्पित पात्रों को वास्त- विकता से सजाकर निकट लाता है उसी परिचय के लिए मैं अपने पथ के साथियों को कल्पना का परिधान पहना कर दूरी की सृष्टि क्यों करती ! परन्तु मेरा निकटताजनित आत्मविज्ञापन उस राख से अधिक महत्व नहीं रखता जो आग को बहुत समय तक सजीव रखने के लिए ही अंगारों को घेरे रहती है। जो इसके पार नहीं देख सकता बह इन चित्रों के हृदय तक नहीं पहुँच सकता।
प्रस्तुत संग्रह में ग्यारह संस्मरण-कथायें जा सकी हैं। उनसे पाठकों का सस्ता मनोरजन हो सके ऐसी कामना करके मैं इन क्षत- विक्षत जीवनों को खिलौनों की हाट में नहीं रखना चाहती। यदि इन अधूरी रेखाओं और धुंधले रंगों की समष्टि में किसी को अपनी छाया की एक रेखा भी मिल सके तो यह सफल है अन्यथा अपनी स्मृति को सुरक्षित सीमा से इसे बाहर लाकर मैंने अन्याय ही किया है ।
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