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पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | ऐतरेयब्राह्मणविज्ञान | Aitareyabrahmanvigyan PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Acharya Agnivrat Naishthik |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 172 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 330 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | धार्मिक / Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
Aitareyabrahmanvigyan PDF Summary
ऐतरेय ब्राह्मण विज्ञान प्राचीन भारत के शास्त्रों का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो वैदिक परंपरा के अंतर्गत आता है। यह वेदों का ही एक अंश है, लेकिन गद्य रूप में लिखा गया है। इस ग्रंथ में धर्म, दर्शन, अनुष्ठान, विज्ञान, समाजशास्त्र आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है।
मुख्य विषय:
- ब्रह्मज्ञान: आत्मज्ञान या ब्रह्म के स्वरूप पर प्रकाश डाला गया है। यह दर्शाया गया है कि ब्रह्म ही सब कुछ का मूल है और संसार उसी से उत्पन्न हुआ है। आत्मा और ब्रह्म का एकात्म्य बताया गया है।
- यज्ञ कर्मकांड: विभिन्न यज्ञों के विधि-विधानों का विस्तृत वर्णन है। यज्ञों के प्रतीकात्मक अर्थ और उनके महत्व पर भी बल दिया गया है।
- शिक्षा और दीक्षा: शिक्षा के महत्व पर जोर दिया गया है और साथ ही दीक्षा संस्कार की प्रक्रिया का वर्णन भी किया गया है। दीक्षा को आत्मज्ञान प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना गया है।
- समाज व्यवस्था: ग्रंथ में प्राचीन भारतीय समाज की संरचना और विभिन्न वर्गों के कर्तव्य का वर्णन किया गया है। समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए नैतिकता और कर्म पर बल दिया गया है।
- विज्ञान और दर्शन: ग्रंथ में प्राचीन भारतीय विज्ञान और दर्शन के कुछ अंश भी मिलते हैं। ब्रह्मांड की उत्पत्ति, समय का महत्व, प्राण और मन की प्रकृति आदि विषयों पर चर्चा की गई है।
ग्रंथ का महत्व:
ऐतरेय ब्राह्मण विज्ञान भारतीय संस्कृति और दर्शन को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ग्रंथ प्राचीन भारतीय समाज के बारे में भी जानकारी देता है। आध्यात्मिक विकास और नैतिक जीवन के लिए भी इस ग्रंथ में महत्वपूर्ण उपदेश मिलते हैं।
निष्कर्ष:
ऐतरेय ब्राह्मण विज्ञान एक ज्ञान का खजाना है जो हमें जीवन के कई पहलुओं के बारे में चिंतन करने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रंथ धर्म, दर्शन, विज्ञान और समाजशास्त्र का सम्मिश्रण है और हमें एक समग्र जीवन जीने का मार्गदर्शन करता है।
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