पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | नागार्जुन रचना संचयन | Nagarjun Rachna Sanchyan |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | नागार्जुन / Nagarjun |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 15.9 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 330 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | बाल पुस्तक / Children Book |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
नागार्जुन की कविता अपने रचना लोक में धंसने की इच्छा से पहले अपने अचरज भरे और ओर – छोर फैले भूगोल में भटकने को आमंत्रित करती है । हमारी बहुलताओं के रागरंग की हलचल से भरी वह, अविरल और अनथक यात्राओं के संस्मरण की तरह है । वह हमारे भौगोलिक , प्राकृतिक , जैविक और प्रतिपल घटित मानवीय व्यवहार का इतिहास भी है और जीवंत साक्ष्य भी । उसमें वस्तुओं की उपस्थिति केन्द्रीय नहीं है। यह वस्तुतः घटनाओं का संसार है । घटनाओं को दर्ज़ करता, अतिक्रमित करता और प्रक्रिया में बदलता हुआ । बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन और कवि नागार्जुन में एक महीन – सा आंतरिक रिश्ता है । गोचर साक्ष्य ही उनका केन्द्रीय बिन्दु है या कहें कि टेक ऑफ़ प्वाइंट है । देखा है जैसा पद नागार्जुन की कविता में पद की तरह भी मौजूद है और क्रिया के रूप में भी ।
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