विष्णु सहस्रनाम हिंदी पीडीऍफ़ गीता प्रेस
महाभारत में भगवान के अनन्य भक्त पितामह भीष्मद्वारा भगवान् के जिन परम पवित्र सहस्र नामों का उपदेश किया गया, उसीको श्री विष्णु सहस्रनाम कहते हैं। भगवान् के नाम की महिमा अनन्त है ।
हीरा, लाल, पन्ना सभी बहुमूल्य रत्न हैं, पर यदि वे किसी निपुण जड़ियेके द्वारा सम्राटके किरीटमे यथास्थान जड़ दिये जायँ तो उनकी शोभा बहुत बढ़ जाती है और अलग-अलग एक-एक दाने की अपेक्षा उस जडे हुए किरीटका मूल्य भी बहुत बढ़ जाता है ।
यद्यपि भगवान् के नामके साथ किसी उदाहरणकी समता नहीं हो सकती, तथापि समझने के लिये इस उदाहरण के अनुसार भगवान् एक सहस्र नामोंको शास्त्रकी रीतिमै यथास्थान आगे-पीछे जो जहाँ आना चाहिये था
वहीं जड़कर भीष्म मा निपुण जड़ियेने यह एक परम सुन्दर, परम आनन्दप्रद अमूल्य वस्तु तैयार कर दी है।
एक बात समझ रखनी चाहिये कि जितने भी ऐसे प्राचीन नामसंग्रह, कवच या स्तवन हैं वे कविक्री तुकबन्दी नहीं हैं । सुगमता और सुन्दरताके लिये आगे-पीछे जहाँ-तहाँ शब्द नहीं जोड़ दिये गये हैं।
परन्तु इस जगत् और अन्तर्जगत्का रहस्य जाननेवाले, भक्ति, ज्ञान, योग और तन्त्रके साधनमें सिद्ध अनुभवी पुरुषद्वारा बड़ी ही निपुणता और कुशलताके साथ ऐसे जोड़े गये हैं,
कि जिससे वे विशेष शक्तिशाली मन्त्र बन गये हैं और जिनके यथारीति पठनसे इहलौकिक और पारलौकिक कामना-सिद्धिके साथ ही यथाधिकार भगवान्की अनन्यभक्ति या सायुज्य मुक्तितककी प्राप्ति सुगमतासे हो सकती है ।
इसीलिये इनके पाठका इतना माहात्म्य है। और इसीलिये सर्वशास्त्रनिष्णात परम योगी और परम ज्ञानी सिद्ध महापुरुष प्रातःस्मरणीय आचार्यवर श्रीआद्यशंकराचार्य महाराजने लोककल्याणार्थ इस श्री विष्णुसहस्रनामका भाष्य किया है।
विष्णु सहस्त्रनाम पाठ करने से लाभ (Benefits)
विष्णु सहस्त्रनाम को पढनें से आपको क्या लाभ होते है, और इससे आपके जीवन में क्या उपलब्धियां मिलती है! कहने को तो यह एक छोटी सी पुस्तक है!
लेकिन अगर इसे पूरी श्रदा और विश्वास के साथ पढ़ा जाए तो यह आपके जीवन में बड़े से बड़े चमत्कार कर सकती है!
आपके जीवन में चल रहे बड़े से बड़े परेशानियों को चुटकी में हल कर सकती है! इसे पढने से बहुत से लोग के परेशानी दूर हुयी है !
क्योकि सब कुछ ईश्वर के हाथ में होती है! विष्णु सहस्त्रनाम के सिर्फ के मन्त्र का जाप करने से ही आपकी परेशानी दूर हो सकती है!
‘नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।’
अगर आप प्रत्येक दिन इस मन्त्र का जाप 108 बार करते है तो आपके जीवन में कभी भी कोई परेशानी नही आती है और आपके ऊपर के सभी परेशानी दूर हो जाती है!
इससे आपको मानसिक शांति मिलती है, क्योकि आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी मानसिक परेशानी ही है!
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कब करना है
वैसे तो आपको विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ रोज करना चाहिए, लेकिन आपको किन दशाओं में करना जरुरी होता है!
अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति नीच राशि में हो यानी 10 नंबर के खाने में बैठा हो! अगर 10 खाने में आपका बृहस्पति राशि है तो आपका बृहस्पति बहुत कमजोर है तो आपको विष्णु सहस्त्रनाम का अवश्य पढना चाहिए! इससे आपका बृहस्पति मजबुत हो जाता है!
जब कुंडली में बृहस्पति छठे, आठवें, बारहवे भाव में भ्रमण कर रहा हो तो ऐसी दशा में भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरुर करना चाहिए ! क्योकि गुरु जब आठवे और बारहवे भाव में भ्रमण करता है तो अपयश की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है!
अगर बृहस्पति के कारण से आपके पेट खराब रहता है, पाचन सम्बन्धी समस्या रहती है, या फिर आपको लीवर में कोई समस्या हो तो ऐसी दशा में भी आपको विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरुर करना चाहए !
जब संतान की उत्पति में या फिर आपके वैवाहिक जीवन में कोई बाधा आ रही हो तो ऐसी दशा में भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना फायदेमंद होता है!
खास कर के महिलाओं के लिए जिनकी शादी हो चुकी है और उनके वैवाहिक जीवन में ख़ुशी नही है या फिर किसी भी प्रकार की बाधा है तो आपको इसका पाठ जरुर करना चाहिए ये आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है!
अगर आपको सन्तान की प्राप्ति नही हो रही है और अगर आपको सन्तान की तरफ से कोई समस्या हो रही है तो भी आपको विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरुर करना चाहिए !
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कैसे करे
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ आपको नित्य सुबह इसका पाठ करना चाहिए ! विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से पहले और बाद में भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए!
भगवान विष्णु का ध्यान मंत्र
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ।।
आप जब भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे तो पीले और साफ सुथरे वस्त्र को जरुर धारण करे! अगर पीले वस्त्र नही है तो अप किसी भी साफ- सुथरे वस्त्र को धारण कर सकते है! और भोग में आप चने और गुड या पीली मिठाई का भोग लगाये!
अगर आप रोज इस पाठ को नही कर पाते है तो इसे आप बृहस्पतिवार के दिन कर सकते है! और बृहस्पतिवार को नमक का सेवन मत कीजिये!
आप जितने भी दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे आप उतने दिन सात्विक वैष्णव भोजन करे!
अगर आपको संस्कृत में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना मुश्किल है तो आप उसे हिंदी में भी पाठ कर सकते है! इससे आपको उतना ही प्रभाव होगा आपको उतना ही लाभ प्राप्त होगा!
विष्णु सहस्त्रनाम का महत्व
संसार में रहने वाले प्राणी आज घर गृहस्ती लोग मुक्ति भुक्ति दोनों चाहते हैं, संसार में रहते हैं जीवन का निर्वाह करते हैं धन की आवश्यकता होती है,
और अनेक कामनाओं की पूर्ति की भी आवश्यकता होती रहे और साथ साथ संसार चलता रहे और मन भी लगा रहे! इसके लिए सबसे अच्छा सर्वश्रेष्ठ सुंदर सुगम कोई सहस्त्रनाम है तो वह है विष्णु सहस्त्रनाम है !
पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
धार्मिक / Religiousपुस्तक का नाम (Name of Book) | श्री विष्णु सहस्त्रनाम / Shri Vishnu Sahasranama |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | श्री शंकराचार्य / Shri Shankaracharya |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 9 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 290 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | धार्मिक / Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
mahaabhaarat mein bhagavaan ke anany bhakt pitaamah bheeshmadvaara bhagavaan ke jin param pavitr sahasr naamonka upadesh kiya gaya, useeko shreevishnu sahasranaam kahate hain . bhagavaan ke naamakee mahima anant hai.
heera, laal panna sabhee bahumooly ratn hain, par yadi ve kisee nipun jadiyeke dvaara samraat ke kireetame yathaasthaan jad diye jaayen to unakee shobha bahut badh jaatee hai aur alag-alag ek-ek daanekee apeksha us jade hue kireetaka mooly bhee bahut badh jaata hai .
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