पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | वक्रेश्वर की भैरवी | Vakreshvar Ki Bhairavi |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | अरुण कुमार शर्मा| Arun Kumar Sharma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 10 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 211 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | तंत्र विद्या/Tantra Vidya |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
‘वक्रेश्वर की भैरवी’ जिन योग- तन्त्र-परक कथाओं का संग्रह है, वे निःसन्देह आपको अविश्वसनीय और असम्भव-सी लगेंगी, स्वाभाविक भी है। आज के वैज्ञानिक युग में भला कौन विश्वास करेगा, इन्द्रियों की सीमा से परे घटित घटनाओं पर, लेकिन यह तो स्वीकार करना ही पड़ेगा कि इस भौतिक जगत में दो सत्ताएँ हैं- आत्मपरक सत्ता और वस्तुपरक सत्ता ।
वस्तुपरक सत्ता के अन्तर्गत आने वाली वस्तुओं को तो प्रमाणित किया जा सकता है, लेकिन आत्मपरक सत्ता का नहीं। इसलिए कि आत्मपरक सत्ता की सीमा के अन्तर्गत जो कुछ भी है, उनका अनुभव किया जा सकता है, और उनकी अनुभूति की जा सकती है। अनुभव मन का विषय है और अनुभूति है आत्मा का विषय । दोनों में यही अन्तर है।
मन का विषय होने के कारण किसी न किसी प्रकार एक सीमा तक अनुभवों को तो व्यक्त किया जा सकता है लेकिन अनुभूति को व्यक्त करने के लिए कोई साधन नहीं है क्योंकि वह है आत्मा का विषय । मन को एकाग्र कर आत्मलीन होने पर इन्द्रियातीत विषयों की अनुभूति होती है।
वेद परम ज्ञान हैं और तंत्र हैं गुह्य ज्ञान, जो अपने आपमें अत्यन्त रहस्यमय गोपनीय और तिमिराच्छन्न है। उसके वास्तविक स्वरूप से परिचित होने के लिए जहाँ एक ओर मैंने योग तंत्र पर शोध एवं अन्वेषण कार्य शुरू किया, वहीं इसकी ओर प्रच्छन्न, अप्रच्छन्न रूप में संचरण – विचरण करके सिद्ध योगी साधकों और अति गोपनीय ढंग से निवास करने वाले संत-महात्माओं की खोज में हिमालय और तिब्बत की जीवन-मरण- दायिनी हिम यात्रा भी की। पूरे तीन साल रहा मैं तिब्बत के रहस्यमय वातावरण में।
कहने की आवश्यकता नहीं। अपने इसी खोज अन्वेषण और अपनी यात्रा के सिलसिले में मेरे जीवन में जो भी अलौकिक और अभौतिक घटनाएँ घर्टी और चमत्कार पूर्ण अविश्वसनीय अनुभव हुए उन्हें बराबर लिपिबद्ध कर अपनी प्रांजल भाषा में कथा रूप देता रहा। उन्हीं कथाओं में कुछ का संग्रह ‘वक्रेश्वर की भैरवी’ है, जो आपके सम्मुख है।
‘वक्रेश्वर की भैरवी में कथा – सूची हैं।
सीरीज नंबर | विषय | पृष्ठ संख्या |
---|---|---|
१ | दीपावली की वह रहस्यमयी रात | १ |
२ | रहस्यमय विलक्षण मूर्ति | २३ |
३ | भैरवी दीक्षा | ३४ |
४ | तंत्र-मंत्र के नाम पर | ४२ |
५ | मिस्र की तांत्रिक भैरवी | ५४ |
६ | लामा तांत्रिक का चमत्कार | ६६ |
७ | जब एक मृतात्मा ने बदला लिया | ८ |
८ | काली का वह रहस्यमय साधक | ८५ |
९ | श्मशान की सिद्ध भैरवी | ११७ |
१० | वक्रेश्वर की भैरवी | १६४ |
नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप वक्रेश्वर की भैरवी पुस्तक हिंदी पीडीएफ | Vakreshvar Ki Bhairavi PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं ।
Read Also: 1.एकादशोपनिषद | Ekadashopnishad PDF in Hindi 2.रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad Hindi) PDF
डाउनलोड लिंक नीचे दिए गए हैं (DOWNLOAD LINKS ARE GIVEN BELOW) :-
वक्रेश्वर की भैरवी एक तांत्रिक देवी हैं जो काशी में स्थित एक प्राचीन मंदिर में रहती हैं। वह एक शक्तिशाली जादूगरनी हैं जो भैरवी मंत्र के माध्यम से शक्तियां प्राप्त करती हैं।
वक्रेश्वर की भैरवी की कहानी एक युवा साधक की कहानी है जो काशी में एक प्राचीन मंदिर में भैरवी की साधना करता है। वह भैरवी की शक्तियों से मोहित हो जाता है और उनके साथ प्रेम में पड़ जाता है। हालांकि, भैरवी एक रहस्यमय और खतरनाक देवी हैं, और साधक को उनकी शक्तियों से सावधान रहने की जरूरत है।
वक्रेश्वर की भैरवी में तंत्र साधना का वर्णन एक जटिल और खतरनाक प्रक्रिया के रूप में किया गया है। साधक को भैरवी मंत्र का जप करने, योग और ध्यान करने, और विभिन्न अनुष्ठानों और अनुष्ठानों को करने की आवश्यकता होती है। यदि साधक गलती करता है, तो उन्हें भयानक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
वक्रेश्वर की भैरवी एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन यह तंत्र साधना पर आधारित है। तंत्र साधना एक वास्तविक अभ्यास है जो कई सदियों से किया जाता रहा है। हालांकि, वक्रेश्वर की भैरवी में वर्णित घटनाओं और दर्शनों की सच्चाई को सत्यापित करना असंभव है।
Leave a Comment