पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | संपूर्ण चाणक्य नीति / Sampurna Chanakya Neeti PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Vishvamitra Sharma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 3 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 281 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | जीवनी और आत्मकथाएँ / Biography and Autobiography |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
Sampurna Chanakya Neeti in Hindi PDF Summary
संपूर्ण चाणक्य नीति PDF चाणक्य द्वारा लिखी गई एक प्राचीन भारतीय राजनीति और नीतिशास्त्र की पुस्तक है। यह पुस्तक चाणक्य के जीवनकाल के दौरान लिखी गई थी, और यह उनके राजनीतिक और सामाजिक विचारों का एक संग्रह है।
पुस्तक में कुल 13 अध्यायों में विभाजित है, और प्रत्येक अध्याय में एक अलग विषय पर चर्चा की गई है। इन विषयों में राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शन और जीवन जीने के तरीके शामिल हैं।
पुस्तक में चाणक्य ने राजनीति और शासन के बारे में कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों का वर्णन किया है। उन्होंने बताया है कि एक सफल शासक को कैसे बनना चाहिए, और उन्होंने एक अच्छे समाज के लिए आवश्यक नीतियों के बारे में भी चर्चा की है।
पुस्तक में चाणक्य ने व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी कुछ सलाह दी है। उन्होंने बताया है कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है, और उन्होंने जीवन जीने के तरीके के बारे में भी चर्चा की है।
संपूर्ण चाणक्य नीति PDF एक महत्वपूर्ण और प्रासंगिक पुस्तक है। यह पुस्तक हमें राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और जीवन जीने के तरीके के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
नीति का शाब्दिक अर्थ है- जो आगे ले जाए। इस प्रकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जो नियम या सिद्धांत निर्धारित किए जाते हैं, वह भी नीति शब्द में समाहित हैं। ‘सुव्यवस्था’ भी नीति का अर्थ है। इसके संदर्भ व्यक्तिगत, सामाजिक और राजनीतिक अलग-अलग या कुल मिलाकर सब एक साथ भी हो सकते हैं।
इस तरह ‘नीति’ का इतिहास यदि देखें, तो इसके अस्तित्व को मानव सभ्यता के विकास के साथ ही स्वीकार करना पड़ेगा। अपने क्षेत्र, अपनी जाति और अपने अस्तित्व को बनाए रखने और विकसित करने के रूप में इसे समूची प्रकृति और इसके सभी प्राणियों में भी देखा जा सकता है।
नीति शास्त्र के आचार्यों की वैसे तो बहुत लंबी परंपरा है लेकिन शुक्राचार्य, आचार्य बृहस्पति, महात्मा विदुर और आचार्य चाणक्य इनमें प्रमुख हैं। आचार्य चाणक्य ने श्लोक और सूत्र दोनों रूपों में नीति शास्त्र का व्याख्यान किया है। अपने ग्रंथों के प्रारंभ में ही वे अपने पूर्ववर्ती आचार्यों को नमन करते हुए स्पष्ट कर देते हैं कि वो कुछ नया नहीं बता रहे हैं, वे उन्हीं सिद्धांतों का प्रतिपादन कर रहे हैं, जिन्हें विरासत में उन्होंने प्राप्त किया है और जो बदलते परिवेश में भी अत्यंत व्यावहारिक हैं।
आचार्य क्योंकि राजनीति और अर्थशास्त्र के शिक्षक हैं, इसलिए वे जानते हैं शिक्षा की वास्तविकता को वो जानते हैं कि पुस्तकों पर अनुभव हावी हुआ करता है, और यह भी कि ग्रंथों का निर्माण अनुभवों का ही संकलन और संग्रह है इसलिए इन रचनाओं के प्रति कर्तापन का अभिमान कैसा !
आचार्य चाणक्य का जीवन पढ़ने से स्पष्ट हो जाता है कि सत्य की समझ रखना ही पर्याप्त नहीं है, जरूरी है कि अन्याय के विरुद्ध संघर्ष भी किया जाए तटस्थ रहना साहसी और पराक्रमी व्यक्ति का स्वभाव नहीं होता। लोगों का मानना है कि सज्जन व्यक्ति का स्वभाव कुटिलता के योग्य नहीं होता। उसके लिए तो कुटिलता का नाटक कर पाना भी संभव नहीं है।
लेकिन चाणक्य ने सिद्ध कर दिया कि अपने स्वभाव को बनाए रखते हुए अर्थात् भीतर से सज्जन बने रहते हुए भी दुष्टों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा सकता है। श्रीकृष्ण और श्रीराम जैसे महान पुरुष इसका उदाहरण हैं।
हां, इसके लिए मन को विशेष प्रकार से प्रशिक्षित करना पड़ता है। श्रीकृष्ण ने धर्म युद्ध में भी ‘अधर्म’ का प्रयोग किया। धर्मराज युधिष्ठिर को भी झूठ बोलने के लिए बाधित किया। क्यों? इसलिए कि ‘शठ से शठता’ का व्यवहार करना चाहिए। ऐसा करते समय विचारणीय यह है
कि वह व्यवहार या प्रतिक्रिया स्वार्थ के लिए की जा रही है या कि उसमें जनहित की भावना समाहित है। दुष्टों का विनाश होना ही चाहिए, भले ही साधन कोई भी हो। अनासक्त भाव से किया गया कर्म पाप-पुण्य की सीमा से परे होता है-ऐसा दार्शनिक सिद्धांत है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन को यही उपदेश दिया है।
उपरोक्त सत्य को समझने के लिए महर्षि विश्वामित्र के वो निर्देश अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो उन्होंने सिद्धाश्रम में प्रवेश करने से पहले राम को दिए थे। उन्होंने कहा था, “राम! सावधान हो जाओ। अब घोर जंगल प्रारंभ हो चुका है। यहां सतर्क रहना इसलिए आवश्यक है कि राक्षस किसी भी समय छुपकर घात कर सकते हैं। और इनकी स्वामिनी ताड़का बिना किसी शस्त्र के हमारे मार्ग को रोक कर कभी भी खड़ी हो सकती है। तब तुम बेहिचक उसका संहार कर देना ।
अनार्यों से युद्ध करते समय आर्य नियमों का पालन करना विपत्ति में डाल सकता है। बुद्धिमान को चाहिए कि विपत्ति को आने ही न दे।” विश्वामित्र की बात सही थी। राक्षसों को धनुष-बाणधारी क्षय कुमारों के आने का समाचार मिला और उन्होंने अपनी स्वामिनी के साथ मिलकर उन पर आक्रमण कर दिया। श्रीराम ने महर्षि के निर्देशानुसार अपना कार्य किया। उन्होंने ताड़का को देखते ही, बिना यह सोचे कि वह स्त्री है और निहत्थी है, एक ही बाण से ढेर कर दिया।
चाणक्य का कौटिल्य बनना जनहित के लिए था। उनका स्वप्न था अखंड भारत इसी के लिए उन्होंने शत्रुओं को उन्हीं की चाल से मात दी। आचार्य द्वारा चलाया गया अभियान ‘आत्मरक्षा’ का एक अंतिम प्रयास था। इससे चूकने का अर्थ था भारत के अस्तित्व को समाप्त कर देना जरा सोचकर देखो, यदि आचार्य ने तत्कालीन परिस्थितियों का विरोध न किया होता,
विकल्प के रूप में चंद्रगुप्त को स्थापित न किया होता, तो आज के भारत का स्वरूप कैसा होता । नंद के प्रधान अमात्य को चंद्रगुप्त के साथ जोड़ना और उसे गरिमामंडित करते हुए प्रधान अमात्य के पद पर प्रतिष्ठित करना आचार्य की अप्रतिम सूझ-बूझ और हृदय की विशालता का ही तो उदाहरण है।
नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप संपूर्ण चाणक्य नीति | Sampurna Chanakya Neeti Book in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं ।
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चाणक्य नीति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और जीवन जीने के तरीके के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। यह पुस्तक हमें यह समझने में मदद करती है कि एक अच्छा शासक कैसे बनना चाहिए, एक अच्छे समाज के लिए क्या आवश्यक है, और एक अच्छा व्यक्ति कैसे बनना चाहिए।
चाणक्य नीति में राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शन और जीवन जीने के तरीके के बारे में कई विषयों पर चर्चा की गई है। इन विषयों में शामिल हैं:
राजनीति में नीति और शक्ति का महत्व
एक अच्छे शासक के गुण
एक अच्छे समाज के लिए आवश्यक नीतियां
एक अच्छे व्यक्ति के गुण
सफल जीवन जीने के लिए आवश्यक सिद्धांत
चाणक्य नीति से आप कई चीजें सीख सकते हैं, जैसे कि:
राजनीति में नीति और शक्ति का महत्व
एक अच्छा शासक कैसे बनना चाहिए
एक अच्छे समाज के लिए क्या आवश्यक है
एक अच्छा व्यक्ति कैसे बनना चाहिए
सफल जीवन जीने के लिए आवश्यक सिद्धांत
चाणक्य नीति में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई है:
राजनीति
अर्थशास्त्र
समाजशास्त्र
दर्शन
जीवन जीने का तरीका
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