पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | मंत्र तंत्र साधना | Mantra Tantra Sadhana Hindi Book PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा / Pt. Laxmi Narayan Sharma |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 4 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 208 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | तंत्र विद्या/Tantra Vidya |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
यन्त्र-मन्त्र तन्त्र का बिगड़ा हुआ रूप मन्तर जन्तर तन्तर है और इन शब्दों से आम जनता मे जन्तर मन्तर जानने वाले जिन ओझा, सयानो, सेवड़ों, तान्त्रिक अघोरी काला जादू या इन्द्रजाल जानने वाले की जो तस्वीर सामने आती है वह कोई अच्छी तस्वीर नहीं होती।
लोग कुछ भय-मिश्रित कौतुहल से इन लोगों को देखते हैं और इस विद्या के जानने वाले या ज्ञान से हीन परन्तु पाखण्ड तथा दम्भ का सहारा लेकर भूत प्रेत व्याधा उतारने, मारण मोहन वशीकरण के नाम पर अनाचार अभिचार करने वालों की काली करतूतों से इस विद्या पर किसी की भी श्रद्धा नहीं रही है।
दूसरों के अज्ञान से लाभ उठाकर अपना उल्लू सीधा करने वालों के कारण ही हमारे धर्म कर्म और जिन प्राचीन विद्याओं की हानि हुई है उसमें ज्योतिष, सामुद्रिक के साथ-साथ ही यह मन्त्र तन्त्र विद्या भी है।
इन विद्याओं की उत्पत्ति जन कल्याण, समाज कल्याण जैसी उच्च महती भावनाओं को लेकर हुई थी, परन्तु कालान्तर में इसे स्वार्थी जनों ने अपनी कुचेष्टा की पूर्ति का साधन बना लिया। परमाणु शक्ति की खोज आज के विज्ञान की चरम उपलब्धि है परन्तु यदि इसे जन कल्याण के कार्यों मे न लगाकर विध्वंस के लिये प्रयोग किया जाय तो इसमें विज्ञान क्या दोष ?
वैदिक काल में हमारे ऋषि मुनि महर्षियों ने सूर्य चन्द्र आदि ग्रहों, अग्नि वायु जल के देवता वरुण आदि की विश्व कल्याण में उपादेयता को जान कर उनकी स्तुति मे मन्त्रो की रचना की। सूर्य के तेज व प्रकाश के बिना जीवन का कोई काम नहीं चल सकता। इससे हमें गरमी मिलती है मिलता है वनस्पतियों को जीवन मिलता है।
Leave a Comment