पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | लखनऊ के इमामबाड़े हिन्दू राजभवन | Lucknow Ke Imambare Hindu Rajbhavan PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | P.N.Oak |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 11 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 94 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | इतिहास / History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
भारतीय इतिहास पुनर्लेखन संस्थान ने एक अति उल्लेखनीय और दूरगामी प्रभावकारी उपलब्धि हस्तगत कर ली है। वह यह है कि कश्मीर से कन्याकुमारी अन्तरीप तक, सभी ऐतिहासिक मध्यकलीन भवन, जो भारत में इधर-उधर दृष्टिगोचर होते हैं, मुस्लिम – पूर्व काल की सम्पत्ति हैं चाहे वे आज मकबरों और मस्जिदों के रूप में मुस्लिम आधिपत्य, कब्ज़े में ही क्यों न हों।
संस्थान ने, अपने शोध कार्य के विदग्धकारी प्रमाणों के रूप में कुछ पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिनके शीर्षक इस प्रकार हैं— (१) ताजमहल हिन्दू राजभवन है; (२) फतहपुर सीकरी एक हिन्दू नगर है; (३) आगरा का लालकिला हिन्दू भवन है, और (४) दिल्ली का लालकिला हिन्दू लालकोट है। वर्तमान शोध ग्रन्थ भी उसी ऐतिहासिक अन्वेषणमाला की एक कड़ी है। इसमें सिद्ध किया गया है कि लखनऊ स्थित तथाकथित इमामबाड़े भी प्राचीन हिन्दू राजभवन हैं जो विजयोपरान्त मुस्लिम आधिपत्य में चले गए थे।
यद्यपि आधुनिक लखनऊ में इधर-उधर फैले हुए छोटे-बड़े अनेक भवनों को ‘इमामबाड़े’ के नाम से अत्यन्त सहज, सरल रूप से सम्बोधित किया जाता है, तथापि इस ग्रन्थ में ‘इमामबाड़ा’ शब्द मात्र दो भवनों के लिए ही प्रयुक्त किया गया है— अर्थात् बड़ा इमामबाड़ा और हुसैनाबादी इमामबाड़ा नाम से पुकारे जाने वाले भवनों के लिए यह ‘इमामबाड़ा’ शब्द उपयोग में लाया गया है।
हम इन भवनों पर ही विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित कर रहे है क्योंकि ये दोनों सर्वाधिक विख्यात हैं, और साक्ष्य प्रस्तुत करने में भी सुविधा होती है, इसलिए भी। इन दो इमामबाड़ों की विशिष्टताओं से सुपरिचित, सुविज्ञ हो जाने पर पाठक को यह तथ्य मालूम हो जाना कठिन नहीं होगा कि लखनऊ स्थित अन्य सभी ऐतिहासिक संरचनाएँ पूर्वकालिक हिन्दू भवन ही है चाहे आज उनको मुस्लिम मकबरों अथवा मस्जिदों के रूप में घोषित, प्रचारित अथवा प्रस्तुत किया जा रहा है।
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