कुंडली दर्पण | Kundali Darpan के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का नाम (Name of Book) | कुंडली दर्पण / Kundali Darpan |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anup Mishra |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 24 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 132 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Astrology |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
“कुंडली दर्पण” एक ऐसी पुस्तक है जो भारतीय ज्योतिष प्रणाली में किसी की जन्म कुंडली या कुंडली का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। पुस्तक हिंदी भाषा में लिखी गई है और भारतीय ज्योतिष की अवधारणाओं से परिचित पाठकों के लिए अभिप्रेत है।
पुस्तक किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, रिश्ते, धन और स्वास्थ्य को कवर करती है, साथ ही व्यक्ति के अतीत, वर्तमान और भविष्य में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। पुस्तक ग्रहों की स्थिति और किसी व्यक्ति के जीवन पर उनके प्रभावों की विस्तृत व्याख्या भी प्रदान करती है। यह पुस्तक उन व्यक्तियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में है जो अपनी कुंडली की गहरी समझ हासिल करना चाहते हैं और यह कैसे उनके जीवन को प्रभावित करता है।
सूर्योदय से आरम्भ कर जन्मकाल तक जितने घण्टा-मिनट बीतें हों उस संख्या को ५ गुणा कर गुणन – फल में दो से भाग दें तब जो लब्धि आवे वही जन्म-कालिक इष्टघटी होती है। यही इष्ट घटी सारी जन्मकुण्डली का मूल (आधार) होती है । सारा फलादेश इसी पर निर्भर रहता है, अतः इसकी शुद्धि यावच्छक्य पूरे विचारों के साथ अवश्य कर लेने चाहिये, अन्यथा इसके अशुद्ध रहने से सभी परिश्रम व्यर्थ होते हैं
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