जयशंकर प्रसाद की श्रेष्ठ कहानियां ( Jaishankar Prasad Ki Shreshth Kahaniyan) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | जयशंकर प्रसाद की श्रेष्ठ कहानियां / Jaishankar Prasad Ki Shreshth Kahaniyan |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Jaishankar Prasad |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 2 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 183 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | कहानियाँ / Stories |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
जयशंकर प्रसाद 20वीं सदी की शुरुआत के एक प्रमुख हिंदी लेखक और कवि थे, जिन्हें हिंदी साहित्य, विशेषकर हिंदी कहानी में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वह आधुनिक हिंदी साहित्य के अग्रदूतों में से एक थे और उन्हें छायावाद आंदोलन के स्तंभों में से एक माना जाता है, एक साहित्यिक आंदोलन जो हिंदी कविता में उत्पन्न हुआ था।
जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ विविध विषयों पर आधारित थीं और सरल लेकिन सुरुचिपूर्ण भाषा में लिखी गई थीं, जो आम लोगों द्वारा आसानी से समझी जा सकती थीं। उनकी कहानियाँ भारतीय पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और समकालीन सामाजिक मुद्दों से प्रभावित थीं। वह अपनी कहानियों में मनोवैज्ञानिक आयाम पेश करने वाले पहले हिंदी लेखकों में से एक थे, जिसे बाद में अन्य हिंदी लेखकों ने विकसित किया।
जयशंकर प्रसाद की सबसे प्रसिद्ध कहानी ‘चंद्रगुप्त मौर्य’ है, जो 1932 में प्रकाशित हुई थी। यह मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन पर आधारित एक ऐतिहासिक कथा है। कहानी में चंद्रगुप्त मौर्य के उदय और उनके दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष को दर्शाया गया है।
जयशंकर प्रसाद की एक अन्य प्रसिद्ध कहानी ‘कामायनी’ है, जो 1936 में प्रकाशित हुई थी। यह हिंदी में एक महाकाव्य कविता है जो सृष्टि की शुरुआत से लेकर आज तक मानव जाति की यात्रा का वर्णन करती है। कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित है और इसे हिंदी साहित्य की उत्कृष्ट कृति माना जाता है।
हिंदी कहानी में जयशंकर प्रसाद का योगदान बहुत अधिक है, और उन्हें 20वीं शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण हिंदी लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी कहानियाँ आज भी दुनिया भर के हिंदी पाठकों द्वारा पढ़ी और सराही जाती हैं।
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