हिन्दू धर्म (Hindu Dharm PDF ) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | हिन्दू धर्म / Hindu Dharm |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Swami Vivekanand |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 5 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 134 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
प्रस्तुत पुस्तक में श्री स्वामी विवेकानन्द द्वारा भारत तथा विदेश में हिन्दू धर्म पर दिये गये भाषणों का संकलन है । उन्होंने अपने इन भाषणों में हिन्दू धर्म के भिन्न भिन्न अंगों पर प्रकाश डाला है तथा उनका सूक्ष्म रूप से विश्लेषण किया है जिससे इस महान प्राचीन धर्म की पूर्ण जानकारी हमें प्राप्त हो जाती है । जो हिन्दू-धर्म- प्रेमी है तथा जो इस धर्म के मूलभूत सिद्धान्तों को जानने के इच्छुक हैं उन्हें इस पुस्तक से बहुत ही लाभ होगा।
१. हिन्दू धर्म की सार्वभौमिकता *
ऐतिहासिक युग के पूर्व के केवल तीन ही धर्म आज संसार में प्रचलित हैं – हिन्दू धर्म, पारसी धर्म और यहूदी धर्म । ये तीनों धर्म अनेकानेक प्रचण्ड आघातों के पश्चात् भी लुप्त न होकर आज भी जीवित हैं – यह उनकी आन्तरिक शक्ति का प्रमाण है । पर जहाँ हम यह देखते हैं कि यहूदी धर्म ईसाई धर्म को नहीं पचा सका वरन् अपने सर्व विजयी सन्तान – ईसाई धर्म द्वारा अपने जन्मस्थान से निर्वासित कर दिया गया,
और केवल मुट्ठी भर पारसी ही अपने महान धर्म की गाथा गाने के लिये अब अवशेष हैं,- वहाँ भारत में एक के बाद एक अनेक धर्म पंथों का उद्भव हुआ और वे पंथ वेदप्रणीत धर्म को जड़ से हिलाते से प्रतीत हुए, पर भयंकर भूकम्प के समय समुद्री किनारे की जलतरंगों के समान यह धर्म कुछ समय के लिये पीछे इसीलिये हट गया कि वह तम्पश्चात् हज़ार गुना अधिक बलशाली होकर सम्मुखस्य सब को डुब नेवाली बाढ़ के रूप में लौट आए और जब इन आगन्तुकों के विप्लवों का कोलाहल शान्त हो गया,
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