गोरक्षसंहिता पुस्तक हिंदी PDF | Goraksha Samhita PDF in Hindi
पुस्तक का नाम (Name of Book) गोरक्षसंहिता पुस्तक हिंदी PDF / Goraksha Samhita PDF in Hindi
पुस्तक का लेखक (Name of Author) Janardana Pandeya
पुस्तक की भाषा (Language of Book) Hindi
पुस्तक का आकार (Size of Book) 485 MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) 477
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health
गोरक्षसंहिता का संक्षिप्त परिचय
यह गोरक्षसंहिता शतसाहस्री (जिसमें लाखों श्लोक हैं) कही जाती है। किंतु हमें इसके दो ही खंड, वह भी खंडित अवस्था में, उपलब्ध हुए हैं। एक अन्य खंड, जो योग से संबंधित है, नेपाल के दरबार पुस्तकालय में पाया गया था। इसे श्री प्रसन्नकुमार बंध्योपाध्याय ने बांग्ला अनुवाद के साथ 1897 ईस्वी में प्रकाशित किया।
हालांकि इस खंड के विषय महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कई श्लोक अन्य गोरक्षनाथकृत ग्रंथों में भी मिलते हैं। इसलिए इस पूर्व प्रकाशित संस्करण को हमने शामिल नहीं किया है। दो खंडों के विषय अत्यंत गूढ़ और रहस्यमय हैं, और भाषाई दृष्टि से यह गोरक्षनाथ द्वारा लिखे गए अन्य ग्रंथों की तुलना में थोड़ा कमजोर प्रतीत होता है।
गोरक्षनाथ और उनकी परंपरा
भारतवर्ष में गोरक्षनाथ, जो सिद्ध और अवधूत के रूप में जाने जाते हैं, का नाम बड़े आदर के साथ स्मरण किया जाता है। उनकी सिद्धि की कथाएँ गांव-गांव और हर व्यक्ति के बीच प्रसिद्ध हैं। मातृहरि, जो उनके शिष्य बने, ने वैराग्य परंपरा की शुरुआत की। बंगाल के राजा गोपीचंद्र और उनकी माता ने भी गोरक्षनाथ को सम्मान दिया।
गोरक्षनाथ के गुरु मत्स्येन्द्रनाथ के बारे में कहा जाता है कि वे पहले बौद्ध साधक थे, लेकिन बाद में उन्होंने तांत्रिक साधना को अपनाया। नेपाल में गोरक्षनाथ का प्रभाव इतना अधिक था कि वहां ‘गोरख’ नामक स्थान प्रसिद्ध हुआ। नेपाल और तिब्बत के बीच सांस्कृतिक संबंधों में गोरक्षनाथ का योगदान उल्लेखनीय है।
गोरक्ष संहिता का “भूति प्रकरण”
गोरक्ष संहिता एक प्रसिद्ध रचना है जिसमें विभिन्न प्रकरणों का उल्लेख किया गया है। प्रयासों के बावजूद केवल दो प्रकरण ही प्राप्त हो सके – पहला कादि प्रकरण और दूसरा भूति प्रकरण। यह प्रकरण मुख्य रूप से रसशास्त्र और उसके विभिन्न प्रयोगों पर केंद्रित है। इसमें नौ अध्याय (पटल) शामिल हैं जो रसकर्म की महिमा, परिभाषा, संस्कार प्रक्रियाएँ, रस बंधन विधियाँ, लवणों एवं धातुओं का उपयोग, सूर्यकांत मणि का प्रयोग, औषधियों के दिव्य गुण, अयस्कांत का उपयोग और मंत्र-विधि के नियमों पर विस्तृत चर्चा करते हैं।
इस प्रकरण में रसायन विद्या के माध्यम से अमरत्व प्राप्त करने, रोगों से मुक्ति पाने और धातुओं के परिष्कार की विस्तृत विधियाँ वर्णित हैं। विशेष रूप से सोना और चांदी बनाने की प्रक्रियाएँ, रस बंधन की क्रियाविधि, तथा विभिन्न औषधियों जैसे सोमलता के प्रयोगों का गूढ़ ज्ञान प्रस्तुत किया गया है।
गोरक्षसंहिता का ऐतिहासिक महत्व
गोरक्षसंहिता सिद्ध परंपरा का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें गोरक्षनाथ द्वारा प्रतिपादित राजयोग और अन्य योग-मार्गों जैसे कौलिक और कापालिक सिद्धांतों को विस्तार से समझाया गया है। यह ग्रंथ न केवल योग साधना बल्कि रसायन विज्ञान और आयुर्वेद के क्षेत्र में भी मौलिक योगदान देता है।
आधुनिक समय में प्रकाशित ‘सिद्धसिद्धांतसंग्रह’ और ‘गोरक्षसिद्धांतसंग्रह’ जैसे ग्रंथ इसी परंपरा पर आधारित हैं। गोरक्षसंहिता का यह संस्करण सिद्ध परंपरा के कई अज्ञात सिद्धांतों को उजागर करने का प्रयास करता है, जो शोधार्थियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप गोरक्षसंहिता हिंदी पीडीऍफ़ ( Goraksha Samhita PDF in Hindi ) पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं ।
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