पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | गोनू झा की अनोखी दुनिया | Gonu Jha Ki Anokhi Duniya PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | अशोक माहेश्वरी / Ashok Maheshwari |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 2 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 212 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | साहित्य और कथा / literature and fiction |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
मिथिलांचल मखाना में गोनू झा के किस्से उसी तरह प्रचलित हैं जैसे मछली और मखाना! कहते हैं कि बिना मछली और मखाना के मिथिलांचल में कोई शुभ कार्य नहीं होता और बिना गोनू झा के किस्सों के कोई जलसा सम्पन्न नहीं होता। मिथिलांचल में पाँच सौ साल पहले अज्ञान भी था और अभाव भी। चोरी, ठगी आदि के किस्सों से इस बात का अन्दाज सहज ही लग जाता है। साधु- महात्माओं के किस्से भी गोनू झा के किस्सों के साथ- साथ चलते हैं। गोनू झा के प्रचलित किस्सों से पता चलता है कि मिथिलांचल के तत्कालीन समाज में अन्धविश्वासों का व्यापक प्रभाव था। जादू, टोना-टोटका आदि के सहारे लोग अपनी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ाने का प्रयास करते थे। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि गोनू झा के जीवनकाल की घटनाओं के साथ ही विभिन्न काल खंडों में गोनू झा के किस्सों में नए किस्से भी जुड़ते गए हैं
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