पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | गायत्री साधना / Gayatri Sadhana PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | तांत्रिक ‘बहल’ / Tantrik Bahal |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 88 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 228 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | तंत्र विद्या/Tantra Vidya |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
गायत्री मन्त्र जो राजर्षि विश्वामित्र की अन्तश्चेतना और त्रिगुणातीत शक्ति से निर्मित है जिसका वेदों से लेकर पुराणों तक सभी धार्मिक ग्रन्थ उद्घोष करते हैं । गायत्री मन्त्र की साधना – एक मार्ग है आत्मबोध का, यह एक सोपान है चेतना के ऊर्ध्वारोहण का । गायत्री कुंडलिनी जागृति एवं समाधि हेतु एक साधना मन्त्र है।
धर्म ग्रन्थों में गायत्री की त्रिगुणातीत उपासना अनिवार्य रूप से समाज को दी गई है । सन्ध्या का विधान आवश्यक – रूप से विसद किया गया है। भौतिकता की चकाचौंध और यांत्रिक जीवन प्रणाली में यह आध्यात्मिक आत्मचेतना की ओर ले जाने में सहायक है ।
स्कंदपुराण में कहा गया है, गायत्रयेव परो विष्णुर्गायत्रयेव परः शिवः । गायत्रयेव परो ब्रह्मा गायत्रयेव त्रयी ततः ।। “गायत्री ही विष्णु है, गायत्री ही शिव है, और गायत्री ही ब्रह्मा है। अतः गायत्री से वेदों की उत्पत्ति हुयी है । वेद और पुराणों में अनेक उपासनाओं का वर्णन मिलता है पर उन सभी उपासना को ही विशेष महत्व दिया गया है । गायत्री साधना “दैनिक” कही जाती है । गायत्री मंत्र “वैदिक मंत्र ” है । ब्रह्मा स्वरूपी वेदों की मां होने के कारण इसे “ब्रह्म गायत्री” भी कहते हैं । भगवद् गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है-गायत्री छन्दसामहम् अर्थात मैं वेदों में गायत्री हूँ ।
Leave a Comment