गौतम बुद्ध- जीवन परिचय और शिक्षा ( Gautam Buddha Jivan Parichay Aur Shiksha PDF) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | गौतम बुद्ध- जीवन परिचय और शिक्षा / Gautam Buddha Jivan Parichay Aur Shiksha |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 15 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 52 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Biography and Autobiography |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
छब्बीस शताब्दी पूर्व का समय इतिहास का एक महत्वपूर्ण युग था। इस समय मनुष्य जाति के लिये एक महान हितसाधक का जन्म हुआ था, जो गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए। बुद्ध ने सार्वजनीन दुःख से मुक्त होने का सार्वजनीन मार्ग ‘धर्म’ फिर से खोज निकाला।
असीम करुणा से भरकर उन्होंने पंतालीस वर्षों तक इस मार्ग को आख्यात किया, जिससे करोड़ों लोग अपने दुःखों से बाहर निकल सके। आज भी यह मार्ग लोक कल्याण कर रहा है और आगे भविष्य में भी करता रहेगा, जब तक कि युद्ध की शिक्षा और उस शिक्षा का व्यावहारिक पक्ष, दोनों अपने शुद्धतम रूप में बने रहेंगे।
इतिहास के अनुसार ६२४ ई. पू. में राजा शुद्धोदन कपिलवस्तु के शाक्य गणराज्य के अधिपति थे उनकी दो रानियां थीं। महामाया पटरानी थी और छोटी रानी महाप्रजापति गौतमी थी, जो महामाया की छोटी वहन भी थीं।
जब महामाया अपने प्रथम प्रसव के लिए राजधानी कपिलवस्तु से मायके देवदह की यात्रा कर रही थीं तो उन्होंने मार्ग में ही वैसाख पूर्णिमा के दिन, सुम्बिनी धन में विशाल शाल वृक्ष के नीचे एक पुत्र को जन्म दिया। एक वृद्ध ऋषि असित कामदेव राजभवन में आये और नवजात शिशु में महापुरुषों के क्षण देखकर उन्होंने पहले तो प्रसन्नता व्यक्त की और तत्पश्चात रोने लगे।
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