पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | क्रिश्चियनिटी कृष्ण नीति है | Christianity Krishan Neeti Hai PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | P.N.Oak |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 19 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 168 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | धार्मिक / Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
इस पुस्तक के शीर्षक ‘क्रिश्चियनिटी कृष्ण-नीति है‘ से पाठकों में मिश्रित प्रतिक्रिया उत्पन्न होने की सम्भावना है। उनमें से अधिकांश सम्भवतया छलित एवं भ्रमित अनुभव करते हुए आश्चर्य करेंगे कि कृष्ण नीति क्या हो सकती है और यह किस प्रकार क्रिश्चियनिटी की ओर अग्रसर है हुई होगी।
यह सामान्य मानव धारणा है। किसी भी नई पुस्तक को उठाने पर यह समझा जाता है कि इसमें कुछ नया कहा गया है। और जब वह पुस्तक वास्तव में कुछ नया कहती है तो उसकी प्रतिक्रिया होती है- “क्या हास्यास्पद कथन है, ऐसी बात हमने कभी सुनी ही नहीं।” कहना होगा कि भले ही कोई उसे समझने का बहाना बना रहा हो, किन्तु वह अपने मन और बुद्धि से उससे तब ही सहमत होता है जबकि वह उसकी अपनी धारणाओं से मेल खाता हो।
यहाँ पर यह सिद्धान्त लागू होता है कि यदि किसी को स्नान का भरपूर आनन्द लेना हो तो उसे पूर्णतया नग्न रूप में जल में प्रविष्ट होना होगा। इसी प्रकार यदि किसी नए सिद्धान्त को पूर्णतया समझना है तो उसे अपने मस्तिष्क को समस्त अवधारणाओं, अवरोधों, शंकाओं, पक्षपातों, पूर्व धारणाओं, अनुमानों एवं सम्भावनाओं से मुक्त करना होगा।
ऐसी सर्व सामान्य धारणाओं में आजकल एक धारणा यह भी है कि ईसाइयत एक धर्म है, जिसकी स्थापना जीसस क्राइस्ट ने की थी। यह पुस्तक यह सिद्ध करने के लिए है कि ‘जीसस’ नाम का कोई था ही नहीं, इसलिए कोई ईसाइयत भी नहीं हो सकती। यदि इस प्रकार की सम्भावना से आपको किसी प्रकार की कँपकँपी नहीं होती है तो तभी आप इस पुस्तक के पारदर्शी सिद्धान्तरूपी जल में अवगाहन का आनन्द उठा सकते हैं,
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