चक्र महा विज्ञानं ग्रन्थ– कुण्डलिनी योग साधना | Chkr Maha Vigyaan Granth– Kundalini Yog Sadhna के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का नाम (Name of Book) | चक्र महा विज्ञानं ग्रन्थ – कुण्डलिनी योग साधना / Chkr Maha Vigyaan Granth – Kundalini Yog Sadhna PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Shree Dhaneshwarananda |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 11 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 288 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
इस चक्र महाविज्ञान ग्रन्थ को रचना प्राचीन सद्ग्रंथों एवं संतो के विभिन्न अनुभवों एवं आधुनिक साधन के अनुभव से को गई है । लेखक ने विशेषकर अपने हृदय का अनुभव प्रकट किया है। अपने हो इस शरीर के भीतर छिपे हुए स्तरों का अनुभव मनुष्य कैसे कर सकता है इसका संकेत सामान्य स्पष्ट भाषा में किया गया है। ग्रन्थ तो बहुत सज्जन लिखते हैं किन्तु उसके अनुसार साधन करने वाले बहुत कम लेखक होते हैं किन्तु धनेश्वरानन्द ने साधन करके अपने संकल्प को सबल एवं सशक्त बनाकर ही लिखने का प्रयास किया है।
योग साधना करने से प्रकृति तथा ब्रह्म एवं अपने स्वरूप का वास्त- विक ज्ञान होता है। इस शरीर के द्वारा इस घोर कलियुग में ‘आत्म- दर्शन’ ‘परमात्म दर्शन’ एवं ‘समाधि’ तक जाना प्रथम दिन के साधना प्रारंभ में, सुगमता के साथ हर साधक प्राप्त कर सकते हैं। इस महा- विज्ञान का यही मुख्य विषय है । ये सभी ‘अनुभूतियाँ’ इसी शरीर के अन्दर प्राप्त होती हैं । अन्दर का अधिकांश भाग जहाँ ये प्राप्त होनेवाली है, अँधेरा है । इसलिए इसके अन्दर प्रकाश के साथ प्रवेश करना होगा । इस प्रकाश के लिए जहाँ कुण्डलिनी है, जिसमें आप के अनेक जन्मों के सतोगुण संस्कारों का फल प्रकाश पुंज के रूप में मौजूद है,
उसे पांच से दस मिनट के अन्दर जागृत कर जो उसका मुख बन्द है, उसको दो मिनट में खोलकर चन्द्रमा तथा सूर्य के समान तेज प्रकाश कैसे प्राप्त होता है – यह बताया गया है।
इस विज्ञान में जिस कुण्डलिनी को जागृत करने में दस या बोस वर्ष समय व्यतीत होता है, उसे दस मिनट में जागृत करने की विधि आपको बताई गई है.
Leave a Comment