पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | बृहद् विमानशास्त्र | Brihad Vimana Shastra PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | महर्षि भरद्वाज / Maharishi Bharadwaj |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 13 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 368 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | वेद-पुराण / Ved-Puran |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
महर्षि भरद्वाजकृत ” यन्त्रसर्वस्व “ ग्रन्थ का एक प्रकरण यह “वैमानिक प्रकरण” है जिसमें ऐसे ४० प्रकरण थे। “वेमानिक प्रकरण” का ८ अध्याय १०० अधिकरणों ५०० सूत्रों में निबद्ध होना कहा गया है। यन्त्रकला जैसे इस प्रन्थमें भी आस्तिकता का प्रदर्शन करने के लिये मो३म् को मुमुक्षुओं का त्रिमान बतलाया। वैमानिक प्रकरण से पूर्व ‘विमानचन्द्रिका, व्योमयानतन्त्र, यन्त्रकल्प, यानविन्दु, खेटयानप्रदीपिका, व्योमयानार्कप्रकाश’ इन विमानविषयक छ शास्त्रों का विद्यमान होना जोकि क्रमश नारायण, शौनक, गर्ग, वाचस्पति, चाक्रायणि घुण्डिनाथ महर्षियों के रचे हुए थे। महर्षि भरद्वाज द्वारा वेद का निर्मन्थन कर “यन्त्र सर्वस्व” प्रन्थ को मक्खन के रूप में निकाल कर दिए जाने का कथना ।
विमान शब्द का अर्थ सूत्रकार महर्षि भरद्वाज तथा भाचार्य विश्वम्भर आदि के अनुसार विपक्षी की भाति गति के मान से एक देश से दूसरे देश एक द्वीप से दूसरे द्वीप और एक लोक से दूसरे लोक को आकाश में उडान लेने पहुँचने में समर्थ यान है। अपितु पृथिवी जल और आकाश में तीनों स्थानों में गति करने वाला बतलाया गया (जिसे आगे त्रिपुर विमान नाम दिया है ) । विमान के ३२ रहस्यों का निर्देश करना, यथा-विमान का अदृश्यकरण, शब्दप्रसारगा, लकुन, रूपाकर्षण, शब्दाकर्षण, शत्रुओं पर धूमप्रसारण शत्रु से बचाने को स्वविमान का मेघावृत करना, शत्रु के विमानों द्वारा घिर जाने पर उन पर ज्वालाशक्ति को प्रसारित करना- -फेंकना, दूर से आतेहुए शत्रुविमान पर ४०८७ तर फेंक कर उड़ने में असमर्थ कर देना, शत्रु सेना पर असह्य महाशब्द संघणरूप ( शब्दवम) फेंक कर उसे भयभीत वधिर शिथिल तथा हृद्रोग से पीडित कर देना आदि ।
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