Bhrigu Sanhita Book PDF Details:
पुस्तक का नाम (Name of Book) | Bhrigu Sanhita PDF | भृगु संहिता |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Shri Bhagvandas Mittal |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 285 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 869 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | धार्मिक / Religious |
Bhrigu Sanhita Book Summary
इस पुस्तक, “भृगु संहिता” के अंतर्गत, समस्त जन्म कुण्डलियों का फलादेश पूर्णरूपेण विस्तारपूर्वक, कारणों सहित लिखा गया है। प्रत्येक व्यक्ति की कुण्डली में प्रत्येक ग्रह का भाग्य से संबंध, उसके स्थान, दृष्टियों और स्थायी प्रभावों के साथ जीवन भर का विस्तृत फलादेश प्रदान किया गया है।
यह पुस्तक नवग्रहों की चाल के आधार पर हर लग्नवालों के भाग्य के संबंध में जीवन भर के परिवर्तनों का भी विवरण देती है। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कौन से ग्रह, कौन से वर्षों, मासों और दिनों में क्या फल प्रदान करेंगे। इस प्रकार, पुस्तक जीवन के हर पहलू पर ग्रहों के प्रभावों का विस्तृत और सटीक फलादेश प्रस्तुत करती है।
इस पुस्तक के द्वारा ज्योतिष ज्ञान प्राप्त करने के लिए आवश्यक बातें निम्नलिखित हैं:
- जन्म कुण्डली के बारह घरों के अंतर्गत किस स्थान से कौन सा भाव देखा जाता है।
- बारह राशियों के नाम और उनके स्वामियों का विवरण।
- कौन सी राशियों में ग्रह उच्च एवं नीच माने जाते हैं।
- कौन सी राशियों पर दृष्टियाँ डालने से ग्रह उच्च एवं नीच फल प्रदान करते हैं।
- कौन से ग्रह की दृष्टियाँ किस स्थान पर पड़ती हैं।
- ग्रहों का आपसी मित्र एवं शत्रु भाव।
- ग्रहों के स्थानेनुसार क्षेत्री, मिश्रलेत्री, उण्यक्षेत्री, नौवक्षेत्री, तथा सामान्य क्षेत्री कहलाते हैं।
- कुण्डली के अंदर के केन्द्र, त्रिकोण एवं सामान्य स्थान।
- ग्रहों के विभिन्न स्थानों पर बैठने से उनके अच्छे-बुरे फल के कारण।
पुस्तक की विशेषता यह है कि उपरोक्त तमाम बातों की जानकारी के बिना भी, इसके द्वारा फलादेश मालूम किया जा सकता है। हर फलादेश के अंदर ग्रहों के समस्त कारणों को युक्त करके, उदाहरणों सहित, दर्पण की तरह स्पष्ट फलादेश लिखा गया है।
अतः इस पुस्तक का अध्ययन करके, बिना ज्योतिष सीखे, आप अपना फलादेश आसानी से जान सकते हैं।
भृगु संहिता के माध्यम से आपके जीवन की हर परिस्थिति का विस्तृत और सटीक विश्लेषण प्राप्त करें।
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