भीष्म पितामह (Bhishma Pitamah Book) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | भीष्म पितामह / Bhishma Pitamah |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | अनाम / Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 10 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 240 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
सुप्रसिद्ध कुरुवंश में शांतनु नामक एक राजा हो गए हैं, वे परम धार्मिक और बड़े बुद्धिमान् थे। उनके समय में उनके समान सर्व गुण संपन्न और संपत्तिशाली भूपति दूसरा न था । महाराज शांतनु हस्तिनापुर के राजसिंहासन पर बैठकर न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करते थे।
उनके सुशासन में उनके राज्य के अंतर्गत नगरों और जनपदों की अच्छी उन्नति हुई थी। उनके राज्य भर में साधुओं का सम्मान होता था और उनकी सारी प्रजा सब प्रकार से सुखी यो ।
उनके राज्य में एक भी ऐसा मनुष्य न था जो सदाचारी न हो और जिसकी प्रवृत्ति सत्कायों में न हो। इसी से उनके राज्य में कभो कोई उपद्रव नहीं होता था और राज्य भर में सुख-शांति विराजती थी ।
महाराज शांतनु सुख- पूर्ण, संमृद्धि – पूर्ण और शांति पूर्ण राज्य के अधिपति होकर, विशुद्ध मन से धर्मानुष्ठान किया करते थे ।
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