पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | भारत मैं मुस्लिम सुल्तान हिंदी पुस्तक | Bharat Mein Muslim Sultan PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | P.N.Oak |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 39 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 300 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | इतिहास / History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
ईसा की सातवीं शताब्दी में जब अरब तथा उसके पड़ोसी देशों से असभ्य तथा वबंर लोगों के गिरोह भारत में आने शुरू हुए थे तब से लेकर उस समय तक के भारत के इतिहास का अध्ययन–जबतक देश भक्ति की भावना से पूर्ण शक्तियों ने उन्हें अन्ततः निश्चल तथा निर्वीर्य न बना दिया बड़ा विषादपूर्ण और बीभत्स है।
भारत में प्रवेश कर ये बर्बर गिरोह दीमक तथा टिड्डी दल के समान ‘इस देश को चट कर गए। वहाँ के राजप्रासादों तथा सुरम्य भवनों में दूध और शहद की नदियां बहती थीं और जो स्वर्ण तथा हीरे-मोतियों से सुसज्जित तथा प्रकाशवान थे, उस देश को इन्होंने खुली नालियों, झोपड़ियों, और कच्चे मकानों वाली गन्दी बस्ती में परिवर्तित कर दिया।
भारतीय इतिहास के कपटवेश में इस काल के जो वृत्तान्त विश्वभर के स्कूलों, कालिजों और शोध संस्थाओं में पढ़ाए जाते हैं वे तब जले पर और भी नमक छिड़कते हैं जब उनमें इस सहस्राबदी को इस आधार पर स्वर्णयुग बताया जाता है कि तब अरबी और फारसी संस्कृतियों का भारतीय संस्कृति ( एवमेव ) के साथ यशस्वी (एवमेव) संयोजन हुआ था।
वस्तुतः नृशंस तथा क्रूर जत्थों द्वारा हिंसात्मक व्यवहारों और ध्वंसों, हत्याओं और सामूहिक नरसंहारों, अपहरण, लूटमार और चोरियों, बलात्कारों और डाकों, यातनाओं तथा क्रूर पीड़ाओं का ७वीं शताब्दी से १८वीं शताब्दी ईसा तक का यह १००० वर्षों का समय बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था। पर यह चित्रण तब और भी भ्रष्ट हो जाता है जब इस युग को भारत का सौभाग्य बताया जाता है।
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