भारत में ब्रिटिश साम्राज्य ( Bharat Mein British Samrajya PDF) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | भारत में ब्रिटिश साम्राज्य / Bharat Mein British Samrajya |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Pt. Indra Vidhyavachaspati |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 13 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 380 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
भारत में ब्रिटिश काल के इतिहास की सामग्री का संग्रह करने में मेने लगभग १० वर्षों तक प्रयत्न किया है । पुस्तकें, पुस्तिकाये, लेख तथा पत्र-व्यवहार जो कुछ भी प्राप्त ह सका है, उनसे उपयोग लिया है।
जहाँ तक सम्भव हुआ है, अंग्रेजों के दृष्टिकोण को अंग्रेज लेखकों के तत्कालीन ग्रन्थों से जानने का यत्न किया है। इस प्रसंग में कई अग्रेज राजनीतिक नेताओं और इतिहास-लेखकों की प्रशंसा में कुछ शब्द लिखना आवश्यक प्रतीत होता है ।
अंग्रेजी शासन काल के प्रारम्भिक और सन् सत्तावन की क्रान्ति के समय की ऐतिहासिक घटनाओं का अध्ययन करते समय यह देखकर आश्चर्य होता है कि अग्रेज शासकों अथवा योद्धाओं के निन्दायोग्य कार्यों का सच्चा वृत्तान्त यदि कही उपलब्ध हो सकता है तो वह अंग्रेज वक्ताओं के भाषणों और अंग्रेज लेखकों के लेखों में
वारन हेस्टिग्ज़ के विरुद्ध एडमण्ड af के भाषणों को पढ़कर एक भारतवासी का खून खोल उठता है । प्रतीत होने लगता है कि हेस्टिग्ज के अत्याचारों की कड़वाहट को शायद किसी भारतवासी ने भी उतनी तीव्रता से अनुभव न किया हो, जितनी से उस तेजस्वी अंग्रेज ने किया था। क्रान्ति के जो वृत्तान्त उस समय के अंग्रेजों ने लिखे है, उनमें भारतवासियों के विरुद्ध बहुत सा विष उगला गया है,
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