पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | भारत का संविधान / Bharat Ka Sanvidhan |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | अनाम / Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 37 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 460 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | इतिहास / History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
भारतीय संविधान सभा ने एक प्रस्ताव द्वारा मुझे यह अधिकार दिया था कि मैं, अध्यक्ष की हैसियत से संविधान का हिन्दी अनुवाद, २६ जनवरी १९५० ई० तक, तथा, उस के बाद यथाशीघ्र अन्य भाषाओं में भी इस के अनुवाद प्रकाशित करा दूं। मुझे यह वांछनीय प्रतीत हुआ कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में संविधान के जो अनुवाद तैयार किये जायें उन सब में, अगर सम्भव हो तो, संविधान में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्दों के लिये जिन का कि विशेष संविधानिक या कानूनी अर्थ है, एक ही पर्याय प्रयोग में लाये जायें । इस लिये मैने भाषा विशेषज्ञों का एक सम्मेलन बुलाया कि वह जहां तक सम्भव हो, ऐसे पारिभाषिक शब्द प्रस्तुत करे जो प्रायः सर्वत्र प्रयक्त होते हों और जिन को हम विभिन्न भाषाओं में निकलने वाले संविधान के अनुवादों में प्रयुक्त कर सकें और अन्ततोगत्वा जिनको हम अन्य सरकारी, कानूनी, अदालती और शासन सम्बन्धी कामों में भी प्रयुक्त कर सकें। यह सम्मेलन मध्य प्रांतीय विधान सभा के अध्यक्ष श्री घनश्यामसिंह गुप्त के सभापतित्व में समवेत हुआ । इस में अनुसूची ८ में दी हुई सभी भाषाओं के प्रख्यात विद्वान प्रतिनिधि स्वरूप सम्मिलित हुए। इस सम्मेलन ने संविधान में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दों का एक कोष तैयार किया और अनुवाद समिति नं, जिसे कि संविधान के हिन्दी रूपांतर का काम सौंपा गया था, हिन्दी अनुवाद तैयार करने में केवल इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया है।
संविधान के इस अनुवाद में प्रयुक्त कई शब्द संभव है, कुछ लोगों को फिलहाल बिल्कुल नये से प्रतीत हों। पर इस सम्बन्ध में यह याद रखना चाहिये कि ये शब्द भारत की अधिकांश भाषाओं के प्रतिनिधियों को स्वीकार्य हैं और इस लिये देश के अधिकांश लोगों को या तो अभी या निकट भविष्य में अवश्य बोधगम्य हो जायेंगे। कुछ शब्द इस में ऐसे भी मिलेंगे जिन का प्रयोग उस से कुछ भिन्न अर्थ में हुआ है जिस में कि आग – तौर पर इनका प्रयोग हिन्दी में हुआ करता है । मसलन ‘ जामिन’ शब्द इस में ‘bail’ के अर्थ में प्रयुक्त किया गया है किन्तु हिन्दी में ‘जामिन, से साधारणत: वह व्यक्ति समझा जाता है जो किसी की जमानत के लिये खड़ा हो। किन्तु यहां इस शब्द को भिन्न अर्थ में रखना इस लिये जरूरी समझा गया कि अधिकांश भारतीय भाषाओं में ‘जामिन’ शब्द ‘bail’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है । प्रस्तुत अनुवाद में आने वाले नये शब्दों में से कुछ तो ऐसे हैं, जो भाषा सम्मेलन के निर्णय के फल स्वरूप, जिस ने कि अंग्रेजी के पारिभाषिक शब्दों के पर्याय निश्चित करने के लिये विभिन्न भाषाओं के शब्दों पर विचार किया, यहां लिये गये हैं। उदाहरण के लिये ‘पंचाट’ शब्द काश्मीरी जुबान में ‘award’ के लिये प्रयोग में आता है और चूंकि यह शब्द सम्मेलन के सदस्यों को मान्य हुआ इस लिये इस अनुवाद में ‘award’ का अनुवाद ‘पंचाट’ किया गया है। आशा है कि जब भारतीय संघ और उस के अंगभूत राज्यों में सरकारी कामों के लिये हिन्दी बरती जाने लगेगी तो ये शब्द जिन का कि इस अनुवाद में प्रयोग हुआ है, सरकारी कामों के लिये प्रामाणिक हिन्दी शब्द माने जायेंगे ।
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After the country became independent, the Constituent Assembly adopted the Constitution on 26 November 1949. At the same time, on 26 January 1950, the constitution was implemented with a democratic government system.
There were 299 members in the assembly that wrote the Indian Constitution, which Dr. Rajendra Prasad headed.
Making the Constitution of India took 2 years, 11 months, and 18 days.
The Indian Constitution is neither completely rigid nor completely flexible but a mixture of both.
There were 299 members in the assembly that wrote the Indian Constitution, which Dr. Rajendra Prasad headed.
After the country became independent, the Constituent Assembly adopted the Constitution on 26 November 1949. At the same time, on 26 January 1950, the constitution was implemented with a democratic government system.
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