भैरव आराधना के दिव्या अमोघ मंत्र (Bhairav Aaradhna Ke Divya Amogh Mantra) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | भैरव आराधना के दिव्या अमोघ मंत्र / Bhairav Aaradhna Ke Divya Amogh Mantra |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 63 KB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 1 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
भैरव आराधना के दिव्य अमोघ मंत्र जिंदगी में हर तरह के संकटों से मुक्ति के लिए भैरव आराधना का बहुत महत्व है। खास तौर पर काल भैरवाष्टमी के दिन भैरव के मंत्रों का प्रयोग कर व्यापार-व्यवसाय, शत्रु पक्ष से आने वाली परेशानियां, विघ्न, बाधाएं, कोर्ट कचहरी तथा निराशा आदि से मुक्ति पाई जा सकती है।
- ॐ कालभैरवाय नमः ।’
- 2 ॐ भयहरणं च भैरवः ।’
- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं ।’
- ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः ।’
- ॐ भ्रां कालभैरवाय फट् ।’
उक्त समस्त मंत्र चमत्कारिक रूप से सिद्धि प्रदान करते हैं। इनका प्रयोग अति शुद्धता से करना चाहिए।
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