आरोग्य मंजरी हिंदी पुस्तक | Arogya Manjari Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | आरोग्य मंजरी / Arogya Manjari |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Vedpakash Sashtri |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 78 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 39 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Ayurveda |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
आयुर्वेद या चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों का वेद में विशेषकर अथर्ववेद में वर्णन मिलता है। सुश्रुतकार के मतानुसार आयुर्वेद अथर्ववेद का उपांग है। “इहखल्वायुर्वेदो नाम यदुपांगमथर्ववेदस्य अनुत्पाद्येव प्रजाः कृतवान् स्वयंभूः ।”
यह उपवेद इस समय उपलब्ध नहीं, किंतु इतना निश्चित है कि इस उपवेद से ही आयुर्वेद तथा अन्य चिकित्सा प्रणालियों विवकसित हुई। वेद के बीजभूत मंत्रों में सबसे पहले वैद्य के लक्षण बताए गए हैं-
यत्रौषधीः समम्मत राजनः समिताविश्व।
विप्रः स उच्यते भिषग्रक्षोहऽमीव चातरनः ॥ ऋ. 10197 अर्थात् वैद्य विद्वान सांगोपांग आयुर्वेद जानने वाला, औषधियों का संग्राहक और योजक होना चाहिए। इसी प्रकार शरीर विज्ञान के विषय में निम्न बातें बताई गई हैं।
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