Suraj Ka Satvan Ghoda Book PDF Details:
पुस्तक का नाम (Name of Book) | सूरज का सातवां घोड़ा | Suraj Ka Satvan Ghoda |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Dharamvir Bharati |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 1 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 110 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | काव्य / Poetry |
Suraj Ka Satvan Ghoda Book Summary
सूरज का सातवाँ घोड़ा” धर्मवीर भारती द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास है। इस उपन्यास में, लेखक ने सात अलग-अलग कहानियों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास किया है। ये कहानियां माणिक मुल्ला नामक एक व्यक्ति द्वारा सुनाई गई हैं, जो अपने जीवन के अनुभवों और आसपास के लोगों की कहानियों को साझा करता है।
प्रत्येक कहानी एक अलग दोपहर को सुनाई गई है और इसमें जीवन के विभिन्न चरणों में प्रेम, दुःख, आशा और विडंबना के विषयों को बारीकी से उकेरा गया है। उपन्यास की शैली अनूठी है और इसमें पारंपरिक कथा-शैली के साथ-साथ आधुनिक तत्वों का समावेश है। इसकी कथावस्तु और शिल्प दोनों ही पाठकों को गहराई से छूते हैं।
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उपन्यास के माध्यम से भारती ने न केवल व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला है। यह उपन्यास न केवल एक साहित्यिक कृति है, बल्कि यह एक सामाजिक दस्तावेज भी है जो मध्यवर्गीय जीवन की जटिलताओं और उसके अंतर्विरोधों को दर्शाता है।
इस उपन्यास की विशेषता यह है कि यह विभिन्न कहानियों के माध्यम से एक समग्र कथा का निर्माण करता है, जिसमें प्रत्येक पात्र और उनकी कहानियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और अंततः एक बड़ी तस्वीर का निर्माण करती हैं। इस प्रकार, “सूरज का सातवाँ घोड़ा” एक ऐसी कृति है जो समय के साथ अपनी प्रासंगिकता बनाए रखती है और पाठकों को बार-बार पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
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