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पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | Surya Kavach Book PDF | सूर्यकवच |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Khemraj Shri Krishnadas |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 2 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 12 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | कहानी / Story |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
Surya Kavach Book PDF Summary
सूर्य कवच, ऋषि याज्ञवल्का को श्रेय दिया गया एक भजन, सूर्य भगवान को समर्पित एक प्रार्थना के रूप में कार्य करता है, जो सुरक्षा और आशीर्वाद मांगता है। ‘कवच’ शब्द कवच को दर्शाता है, और माना जाता है कि सूर्य कवच का नियमित पाठ एक ढाल के रूप में कार्य करता है, भक्तों को विभिन्न परेशानियों और दुर्भाग्य से बचाता है।
यह भजन सूर्य की विशेषताओं और गुणों का भी गुणगान करता है, जिसमें उनकी चमक, महिमा, शक्ति और बुद्धि शामिल है। ब्रह्म यमल तंत्र, स्कंद पुराण और नारद पुराण जैसे ग्रंथों में पाया गया, सूर्य कवच का महत्व है हिंदू धर्म के सौर संप्रदाय के भीतर सूर्य की दैनिक पूजा।
सूर्य कवच का अभ्यास स्वास्थ्य, धन, खुशी, सफलता, प्रसिद्धि और दीर्घायु सहित कई लाभों से जुड़ा हुआ है। इन लाभों को अनलॉक करने के लिए, कवच का पाठ करना आवश्यक है अटूट विश्वास, भक्ति, और मन और शरीर की पवित्रता।”
सूर्यकवचम्
यह श्रीसूर्यनारायणजी का कवच है, जिनकी महिमा समस्त भूमंडलों में व्याप्त है। उनके कृपा-कटाक्ष से हम सभी पदार्थों को शुद्ध और सुखद रूप में देख सकते हैं। उनकी किरणें अंधकार को दूर करती हैं और हमारे सभी कर्मों का साक्षी हैं। सूर्यनारायणजी आपको इस कवच के ध्यान से मनोवांछित फल प्रदान करेंगे। इस कवच का नियमित पाठ, स्नान, और एकाग्रचित्त से मनुष्य अपनी मनोरथों को पूर्ण कर सकता है।
श्रीसूर्य उवाच ।
साब सांब महाबाहो शृणु मे कवचं शुभम् । त्रैलोक्यमंगलं नाम फलदं परमाद्भुतम् ॥ १ ॥
अर्थ-श्रीसूर्यनारायणजी बोले कि, हे महाबाहो ! हे, सांग ! मेरे बडे अद्भुत, श्रेष्ठ फल देनेवाले त्रैलोक्यमंग- लनामक शुत कवचक्को श्रवण करो ॥ १ ॥
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