पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | नवग्रह एवं नक्षत्र शांति | Navagraha Evam Nakshatra Shanti PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 83 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 283 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Tantra Vidya |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
Navagraha Evam Nakshatra Shanti in Hindi PDF Summary
नवग्रह एवं नक्षत्र शांति पुस्तक में नवग्रह और नक्षत्रों की शांति के उपाय बताए गए हैं। नवग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डालते हैं। यदि नवग्रह और नक्षत्र अशुभ हों तो हमारे जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। इस पुस्तक में नवग्रह और नक्षत्रों के बारे में विस्तार से बताया गया है और उनकी शांति के लिए उपाय बताए गए हैं।
नवग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु होते हैं। नक्षत्र 27 होते हैं। हर ग्रह का एक नक्षत्र स्वामी होता है।
सूर्य का नक्षत्र स्वामी केतु होता है। चंद्रमा का नक्षत्र स्वामी रोहिणी होता है। मंगल का नक्षत्र स्वामी मृगशिरा होता है। बुध का नक्षत्र स्वामी आश्लेषा होता है। गुरु का नक्षत्र स्वामी पुनर्वसु होता है। शुक्र का नक्षत्र स्वामी पुष्य होता है। शनि का नक्षत्र स्वामी अनुराधा होता है। राहु का नक्षत्र स्वामी श्रवण होता है। केतु का नक्षत्र स्वामी अश्विनी होता है।
यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह या नक्षत्र अशुभ है तो आपको उसकी शांति करवाना चाहिए। नवग्रह और नक्षत्रों की शांति के लिए कई प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं। कुछ सामान्य उपाय इस प्रकार हैं:
- मंत्र जप: ग्रह और नक्षत्रों के मंत्रों का जप करने से उनकी शांति होती है।
- यंत्र पूजा: ग्रह और नक्षत्रों के यंत्रों की पूजा करने से उनकी शांति होती है।
- दान-पुण्य: ग्रह और नक्षत्रों से संबंधित वस्तुओं का दान करने से उनकी शांति होती है।
- रत्न धारण: ग्रह और नक्षत्रों से संबंधित रत्नों को धारण करने से उनकी शांति होती है।
नवग्रह एवं नक्षत्र शान्ति (गण्डमूलशान्ति एवं गोमुखप्रसव विधान सहितम् ) पुस्तक में मौजूद सामग्री की सूची:-
विशेषताएं | विवरण |
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बालक के गर्भाधानसंस्कार से चौलसंस्कार तक के सभी कर्म प्रयोग आर्षविधान युक्त दिए गए हैं। | इस पुस्तक में बालक के जन्म से पहले से लेकर उसके चौल (बाल काटने की रस्म) तक के सभी संस्कारों का वर्णन है। |
गण्डमूल नक्षत्रचक्र एवं उनका फल दिया गया है। | इस पुस्तक में गण्डमूल नक्षत्रचक्र के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि इसका क्या प्रभाव होता है। |
नक्षत्रगण्डान्त, तिथिलग्नगण्डान्त, कृष्णचतुर्दशी तथा सिनीवालीकूहूजनन, व्यतिपातादि योग शान्ति विधान सभी सविधि उपलब्ध है। | इस पुस्तक में नक्षत्रगण्डान्त, तिथिलग्नगण्डान्त, कृष्णचतुर्दशी और सिनीवालीकूहूजनन, व्यतिपातादि योग की शांति के लिए उपाय बताए गए हैं। |
एकनक्षत्रजनन, त्रिखल एवं यमलजनन, अशुभदन्तोत्पत्ति दोष निवारण प्रयोग सविधि दिये गये है । | इस पुस्तक में एकनक्षत्रजनन, त्रिखल और यमलजनन, अशुभदन्तोत्पत्ति दोष के निवारण के लिए उपाय बताए गए हैं। |
गोमुखप्रसव शान्ति प्रयोग विस्तृत सरल एवं सविधि है । | इस पुस्तक में गोमुखप्रसव शांति के लिए विस्तृत और सरल तरीके बताए गए हैं। |
मूलादि सभी गण्डनक्षत्रों के भद्रपीठ एवं आवाहन पूजा विधान विस्तृत है । | इस पुस्तक में सभी गण्डमूल नक्षत्रों के भद्रपीठ और आवाहन पूजा के विधान विस्तार से बताए गए हैं। |
शान्तिविधान के आवश्यक सूक्त पुस्तक के उत्तरार्ध भाग में दिये गये है। | इस पुस्तक के उत्तरार्ध में शांतिविधान के लिए आवश्यक सूक्त दिए गए हैं। |
नवग्रहों के वैदिक एवं तांत्रिक मंत्रो के न्यास, ध्यानादि दिये गये है | इस पुस्तक में नवग्रहों के वैदिक और तांत्रिक मंत्रों के न्यास और ध्यान के बारे में बताया गया है। |
प्रत्येक ग्रह की यंत्र पूजा एवं शान्ति प्रयोग दिये गये है। | इस पुस्तक में प्रत्येक ग्रह की यंत्र पूजा और शांति के प्रयोग बताए गए हैं। |
प्रत्येक ग्रह के कवच, पञ्चविंशतिनामावलि स्तोत्र एवं १०८ नामावलि मंत्र दिये गये है। | इस पुस्तक में प्रत्येक ग्रह के कवच, पञ्चविंशतिनामावलि स्तोत्र और १०८ नामावलि मंत्र दिए गए हैं। |
कालमृत्युज्ञानादि प्रयोग एवं प्रत्येक ग्रह के विविध कामना स्तोत्र दिये गये हैं। | इस पुस्तक में कालमृत्युज्ञानादि प्रयोग और प्रत्येक ग्रह के विभिन्न कामना स्तोत्र दिए गए हैं। |
नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप नवग्रह एवं नक्षत्र शांति | Navagraha Evam Nakshatra Shanti Book in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं ।
डाउनलोड लिंक नीचे दिए गए हैं (DOWNLOAD LINKS ARE GIVEN BELOW) :-
नवग्रह (Navagraha) और नक्षत्र (Nakshatra) हिंदू धर्म में ज्योतिष के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। नवग्रह नौ ग्रह हैं: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। नक्षत्र 27 हैं और प्रत्येक ग्रह का एक नक्षत्र स्वामी होता है।
नवग्रह एवं नक्षत्र शांति एक ज्योतिषीय उपाय है जो नवग्रहों और नक्षत्रों के नकारात्मक प्रभावों से बचने और उनके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
निम्नलिखित लोगों को नवग्रह एवं नक्षत्र शांति करवाना चाहिए:
जिन लोगों की कुंडली में नवग्रह या नक्षत्र दोष हैं
जिन लोगों को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा है
जिन लोगों का जीवन कष्टों और परेशानियों से भरा है
जिन लोगों को अपनी मनचाही सफलता नहीं मिल रही है
जिन लोगों को अपने स्वास्थ्य, धन, रिश्तों या करियर में परेशानी आ रही है
नवग्रह एवं नक्षत्र शांति के निम्नलिखित लाभ हैं:
नवग्रहों और नक्षत्रों के नकारात्मक प्रभावों से बचाव
नवग्रहों और नक्षत्रों के सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि
जीवन में सुधार
मनचाही सफलता प्राप्ति
स्वास्थ्य, धन, रिश्तों और करियर में प्रगति
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