एकादश रुद्र (शिव) (Ekadash Rudra (Shiv) in Hindi PDF) के बारे में अधिक जानकारी:-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | एकादश रुद्र (शिव) / Ekadash Rudra (Shiv) |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 30 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 38 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
एकादश रुद्र मंत्र | Ekadasa Rudra Mantra lyrics
The Ekadasa Rudra Mantra is a powerful Vedic chant dedicated to Lord Shiva. It consists of eleven verses that praise and invoke the various aspects of Lord Shiva. Here are the lyrics of the Ekadasa Rudra Mantra:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
अष्टमूर्ते महेशान्यम्, द्वादशात्मने नमः।
नमः शम्भोर्मुखवचसे, पिनाकाय च दक्षिणे॥
कैलासचन्द्रशिखारे, गौरीहृत्पाण्डुरेषु च।
शर्वास्तितासु जगति, सर्वस्मै सुभमस्तु नः॥
रुद्र ऋषिः, भगवान् देवता, गायत्री छन्दः, द्विजो भगवान् शिवः प्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः॥
ॐ नमः शिवाय।
(Om tryambakam yajāmahe sugandhim pushtivardhanam,
urvārukamiva bandhanān mrityormukshīya mā’mritāt.)
(Aṣhṭamūrte maheśhānyam, dvādaśhātmane namaḥ,
namaḥ śambhormukhavachase, pinākāya cha dakṣhiṇe.)
(Kailāsa-chandra-śhikhāre, gaurīhṛitpāṇḍureṣhu cha,
śharvāstitāsu jagati, sarvasmai subhamastu naḥ.)
(Rudra ṛiṣhiḥ, bhagavān devatā, gāyatrī chhandhaḥ, dvijo bhagavān śhivaḥ prasādasiddhyarthe jape viniyogaḥ.)
(Om namaḥ śhivāya.)
रुद्र मंत्र इस प्रकार है:
ॐ नमो भगवते रुद्राये।
मैं भगवान रुद्र अर्थात भगवान शिव को नमन करता हूं। उन्हें प्रणाम करता हूं।
रूद्र गायत्री मंत्र – Rudra Gayatri Mantra
ॐ सर्वेश्वराय विद्महे, शूलहस्ताय धीमहि | तन्नो रूद्र प्रचोदयात् ||
हे सर्वेश्वर भगवान आपके हाथ में त्रिशूल है और मेरा जीवन विभिन्न प्रकार के कष्टों और परेशानियों में घिरा हुआ है। ऐसे में आप मुझे अपनी कृपा में ले कर मेरे कष्टों को दूर कीजिए और मुझ पर कृपा कीजिए, क्योंकि मैं आपकी शरण में हूं।
शिव गायत्री मंत्र – Shiv Gaytrai Mantra
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि; तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
मैं महान भगवान आदर्श पुरुष भगवान महादेव के चरणों में प्रणाम करता हूं। हे प्रभु! आप मुझे बुद्धि दीजिए और ज्ञान के द्वारा मेरा मार्गदर्शन कीजिए।
शिव ध्यान मंत्र -Shiv Dhyan Mantra
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
हे परम दयालु भगवान महादेव, कृपया मुझे पापों के लिए क्षमा करें। कृपया मेरे हाथों, पैरों, शरीर और कार्यों के माध्यम से किए गए पापों के लिए मुझे क्षमा करें। जानबूझकर या अनजाने में मेरे कान, आँख और दिमाग के माध्यम से किए गए सभी पापों को क्षमा करें।
भगवान शिव के रुद्र एकादश नाम ऐसा माना जाता है कि जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए भगवान रुद्र के इन एकादश रूद्र नामों को जपना चाहिए, जिससे सभी प्रकार की समस्यायें दूर हो सकती हैं। शिव के ये एकादश रूद्र नाम इस प्रकार हैंं : शिवपुराण में एकादश रुद्र के नाम
शिव पुराण में एकादश रूद्र को कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड, और भव के नाम से जाना जाता है।
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