मेरे सपनों का भारत ( Mere Sapanon Ka Bharat Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | मेरे सपनों का भारत / Mere Sapanon Ka Bharat |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Mahatma Gandhi (Mohandas Karamchand Gandhi) |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 13 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 342 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
संवत् १६६४ विक्रमाब्दके लगभग गोस्वामी तुलसीदासजी की बाहुओं में वात-व्याधिकी गहरी पीड़ा उत्पन्न हुई थी और फोड़े-फुंसियोंके कारण सारा शरीर वेदनाका स्थान सा बन गया था। औषध, यन्त्र, मन्त्र, त्रोटक आदि अनेक उपाय किये गये, किन्तु घटनेके बदले रोग दिनोंदिन बढ़ता ही जाता था ।
हमारी यह स्वतंत्रता अधिकांशमें महात्मा गांवीके ही महान नेतृत्वका फल है। सत्य और अहिंसाके जिस अनुपम हथियारका अन्होंने अपयोग किया आज दुनियाको असकी बड़ी आवश्यकता है; जिस हथियारके द्वारा ही वह सुन सारी बुराबियोंसे त्राण पा सकती है जिनसे आज वह पीड़ित है ।
हम जानते हैं कि अपने सावनके रूपमें गांवीजीको जिन लोगोंका पयोग करना पड़ा वे कितने अधूरे थे; किन्तु मितिहास गवाही देगा कि समान स्थितिमें किसी भी दूसरे देशको अपना अद्देश्य हासिल करनेमें जो बलिदान करना पड़ता, बुसको तुलनामें हमें बहुत ही कम वलिदान करना पड़ा है। जिस तरह हमारी लड़ाअीका हथियार अनुपम था सी तरह स्वतंत्रताकी प्राप्तिने हमारे सामने जो सारी सम्भावनायें खोल दी हैं वे भी अनुपम हैं ।
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