स्तोत्र रत्नावली पीडीएफ | Stotra Ratnavali Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | स्तोत्र रत्नावली / Stotra Ratnavali |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Gita-Press |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 122 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 293 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | अध्यात्म / Adhyatm |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
महाकवि कालिदासके ‘स्तोत्रं कस्य न तुष्टये’ इस वचनके अनुसार विश्व में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है, जो स्तुति से प्रसन्न न हो जाता हो । राजनीतिके ग्रन्थों में कहा गया है कि ‘साम’ या स्तुतिके द्वारा राक्षस आदि भयङ्कर सत्त्व भी वशीभूत हो जाते हैं ।
इसीलिये दण्ड, भेद, दान आदि नीतियोंमें ‘साम’ या स्तुति प्रशंसा को ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अतएव वेदोंसे लेकर इतिहास, पुराण एवं काव्योंतकमें सर्वत्र सूक्त एवं स्तोत्र भरे पड़े हैं, जिनका संग्रह एक महासमुद्रके समान होगा। प्रस्तुत ग्रन्थमें केवल गणेश, शिव, शक्ति, विष्णु, राम, कृष्ण एवं सूर्य आदि प्रमुख देवताओंके प्रसिद्ध स्तोत्रोंका संग्रह किया गया है।
अन्तमें प्रकीर्ण स्तोत्रों में देवताओं के प्रातःस्मरण तथा कुछ ज्ञानप्रद आध्यात्मिक स्तोत्र भी दिये गये हैं। इस उनतीसवें संस्करण में अकाल मृत्यु-रोगादिसे रक्षा करनेवाला परम उपयोगी एवं अनुभूत मृत्युञ्जय स्तोत्र भी संलग्न कर दिया गया है। इन स्तोत्रों के द्वारा आराधना किये जानेपर सभी देवता प्रसन्न होकर उपासक का परम कल्याण करते हैं।
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