पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | ताज महल तेजो महालय शिव मंदिर है / Taj Mahal Tejo Mahalaya Shiva Mandir Hai |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | P.N.Oak |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 3 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 29 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | इतिहास / History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
ताजमहल : तेजोमहालय शिव मंदिर है
१. ताजमहल नाम का उल्लेख औरंगजेब तक के किसी भी तवारीखों में या दरबारी दस्तावेजों में कहीं भी नहीं मिलता है।
२. इसे ताज – इ-महल याने महलों का ताज कहने का प्रयास करना हास्यास्पद है, क्योंकि यह तो इस्लामी कब्र है। कब्र को कभी महल नहीं कहा जाता ।
३. इसका अन्तिम पद ‘महल’ इस्लामी शब्द ही नहीं है, क्योंकि अफगानिस्तान से लेकर अलजीरिया तक फैले विस्तृत इस्लामी प्रदेशों में ‘महल’ नाम की एक भी इमारत नहीं है।
४. सामान्य धारणा यह है कि इसमें दफनाई महिला मुमताझ महल के नामानुसार इसका नाम ताजमहल रखा गया है। यह दो दृष्टियों से असंगत है। एक बात तो यह है कि शाहजहाँ की उस पत्नी का नाम मुमताज महल नहीं अपितु मुमताज-उल-जमानी था ।
द्वितीयतः भुमताज की स्मृति में बने उस भवन को नामांकित करते समय दो आद्य अक्षर ‘मुम्’ उड़ा देना हास्यास्पद है। एक महिला के नाम के आरम्भ के दो अक्षर हटाकर शेष हिस्सा इमारत का नाम बनता है, यह किस व्याकरण का नियम है ?
५. फिर भी उस महिला का नाम मुमताज होने के कारण यदि उससे इमारत का नाम पड़ता तो वह इमारत ताजमहल कहलाती, न कि ताजमहल ।
६. शाहजहाँ के समय भारत में आए हुए यूरोप के कई पर्यटकों ने इस. भवन का उल्लेख ताज-ए-महल नाम से किया है जो शिव मंदिर ‘सूचित करने वाला संस्कृत शब्द तेजो महालय का बिगड़ा रूप है। स्वयं मुगल बादशाह शाहजहाँ और औरंगजेब के दरबारी दस्तावेजों
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