पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | कौन कहता है कि अकबर महान था pdf | Kaun Kehta Hai Akbar Mahan Tha PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | P.N.Oak |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 22 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 182 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | इतिहास / History |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
मध्ययुगीन मुस्लिम दरबारी इतिवृत्तों के अध्ययन से सम्बन्धित, (आठ खण्डों में ) अरबी पुस्तक की प्रस्तावना में सुविख्यात इतिहासकार स्व० सर एच० एम० इलियट ने यह अभिमत व्यक्त किया है कि भारत वर्ष में मुस्लिम शासनकाल का इतिहास एक ‘धृष्ट एवं मनोरंजक धोखा’ है।
किन्तु मुस्लिम काल के इतिहास के सम्बन्ध में अनिश्चित रूप से केवल यह अनुभव कर लेना कि वह ‘धोखा’ है अथवा प्रबंचनाओं से पूर्ण है, पर्याप्त नहीं है। उसकी गम्भीरता के समुचित मूल्यांकन के लिए भली-भांति छान बीन करने एवं तथ्यों की ‘अग्नि-परीक्षा’ की आवश्यकता है।
मुस्लिम ‘धोखों’ का भण्डाफोड़ करने वाले सर एच० एम० इलियट जैसे विचक्षण पाश्चात्य विद्वान् मध्ययुगीन मुस्लिम बादशाहों के झूठे दावों से कई रूपों में प्रबंचित होते रहे हैं। उदाहरण के लिए वे यह अनुभव करने में असमर्थ रहे हैं कि मध्ययुगीन मुस्लिम बादशाहों द्वारा जो बड़े-बड़े दावे किये गये हैं कि उन्होंने अनेक नगरों को बसाया, मकबरों तथा मस्जिदों का निर्माण कराया, तो ये भी अन्य मुस्लिम व्यामोहों के समान ही ‘धोखे’ हैं।
इनकी भी परिगणना ऐतिहासिक प्रबंचनाओं में की जानी चाहिए। इतिहासकारों, शिल्पियों तथा पुरातत्त्ववेत्ताओं ने, यह विश्वास करने में कि फतेहपुर सीकरी, आगरे का लालक़िला तथा पुरानी दिल्ली को मुस्लिम बादशाहों ने बसाया तथा वहाँ निर्णय कार्य किये, भयंकर भूलें की हैं।
अपनी ‘ताजमहल एक राजपूत राजभवन था’ शीर्षक पुस्तक तथा इसके परवर्ती संशोधत एवं परिवर्धित संस्करण ‘ताजमहल एक हिन्दू राजभवन है’ में हमने मध्ययुगीन भव्यतम राजभवन ‘ताजमहल’ के निर्माण को लेकर शाहजहां की अधिकृति से सम्बन्धित ‘धोसे’ का भण्डाफोड़ किया है। इसी प्रकार अपने एक दूसरे शोध-ग्रन्थ ‘भारतीय इतिहास की भयंकर भूलें’ में
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