श्री विश्वकर्मा आरती ( Vishwakarma Aarti PDF) के बारे में अधिक जानकारी
पुस्तक का नाम (Name of Book) | श्री विश्वकर्मा आरती ( Vishwakarma Aarti PDF |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | Anonymous |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 1 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 2 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | धार्मिक / Religious |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आयो प्रभु विश्वकर्मा |
सुदामा की विनय सुनी, और कंचन महल बनाये।
सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे ॥
विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारिकापुरी बनाओ।
ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचायो ॥ वि. ॥
रामचन्द्र ने पूजन की तब सेतु बांध रचि डारो ।
सब सेना को पार किया प्रभु लंका विजय करावो ॥ वि. ॥
श्री कृष्ण की विजय सुनो प्रभु आके दर्श दिखावो।
शिल्प विद्या का दो प्रकाश मेरा जीवन सफल बनायो । वि.॥
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