विश्व इतिहास के विलुप्त अध्याय हिंदी पुस्तक | Visva Itihas Ke Vilupta Adhyaya Book in Hindi PDF

पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-

पुस्तक का नाम (Name of Book)विश्व इतिहास के विलुप्त अध्याय / Visva Itihas Ke Vilupta Adhyaya
पुस्तक का लेखक (Name of Author)P.N.Oak
पुस्तक की भाषा (Language of Book)हिंदी | Hindi
पुस्तक का आकार (Size of Book)5 MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook)256
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)इतिहास / History

पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-

इस पुस्तक का उद्देश्य विश्व को इतिहास के सम्बन्ध में आयी हुई शिथिलकारी तन्द्रिलावस्था से जागृत और सचेत कर यह बताना है कि सीखने और भुला देने के लिए अगाध भण्डार विद्यमान है ।
विश्वभर में आज जो इतिहास पढ़ाया, प्रस्तुत किया जा रहा तथा अनुमान किया जा रहा है, उसमें अनेक भ्रान्त धारणाएँ हैं, जिनमें से कुछ तो ऐसी हैं जिनके कारण विगत घटनाओं को बिल्कुल उलटे रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसका एक दृष्टान्त पश्चिमी विद्वानों द्वारा प्रचारित यह प्रचलित जन विश्वास है कि आर्य एक जाति है, और आर्यों ने भारत पर आक्रमण किया था तथा इस देश को ही अपना घर, निवासस्थान बना लिया था ।

ये दोनों ही, इतिहास सम्बन्धी भ्रान्त, विपरीत धारणाएँ हैं। आर्य कोई जाति नहीं, अपितु हिन्दू जीवन-पद्धति हैं, और आर्य धर्म को हिन्दुओं ने ही अखिल विश्व में फैलाया था, अर्थात् भारतीयों ने विश्व के विभिन्न भागों में निष्क्रमण किया था ।
एक अन्य बड़ा भ्रमजाल उस मुस्लिम वर्ग के सम्बन्ध में है जिसे सूफ़ी वर्ग कहते हैं और जिनको अथक परिश्रम से महान् सन्त-रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है । उनके जीवन की निकट से अतिसूक्ष्म और निष्पक्ष परीक्षा करने पर उनमें से अधिकांश लोग उस संदशनी का दूसरा भाग प्रतीत होंगे जो हिन्दू (भारतीय) सभ्यता का गला घोंटने में विदेशी मुस्लिम राज- सत्ता का साथ दे रहे थे ।
अत्यन्त सावधानीपूर्वक प्रचारित तीसरा भ्रमजाल शेरशाह, फ़िरोज़ शाह और अकबर जैसे भारत में दिदेशी शासकों की प्रकल्पित महानता के बारे में है । विचारों और कर्मों की दृष्टि से विदेशी होने का उनका तथ्य यह कहकर अत्यन्त सतर्कतापूर्वक दबाया जा रहा है कि वे भारत में ही स्थायी रूप से निवास करने लगे थे।

ऐसा कुतकं प्रस्तुत करते समय वे इस अनुभूति की भी उपेक्षा कर देते हैं कि यदि कोई अन्य देशीय दस्यु दल स्वयं को किसी ग्राम में स्थायी रूप से निवास योग्य बनाकर चहुँ ओर की निकट वर्ती सीमाओं पर स्थित घरों को लूटने और महिलाओं का सतीत्व भंग करने में सफल हो जाए, तो क्या वह नागरिकता का हक़दार हो जाता है ?

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