पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-
पुस्तक का नाम (Name of Book) | विक्रमोर्वशी | Vikramorvashi |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | कालिदास / Kalidas |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी | Hindi |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 1.3 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 149 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | नाटक / Drama |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
महाकवि कालिदास को सर्वसम्मति से भारत का सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता है। उन्होंने अपने महाकाव्यों, नाटकों तथा मेघदूत और ऋतुसंहार जैसे काव्यों में जो अनुपम सौंदर्य भर दिया है , उसकी तुलना संस्कृत साहित्य में अन्यत्र कहीं नहीं मिलती । इसीलिए उन्हें कवि – कुलगुरु भी कहा जाता है। यों संस्कृत में माघ, भारवि और श्री हर्ष बड़े कवि हुए हैं , जिनकी रचनाएँ शिशुपालवध , किरातार्जुनीय तथा नैषधीयचरितम् बृहत्त्रयी अर्थात् तीन बड़े महाकाव्यों में गिनी जाती हैं और कालिदास के रघुवंश , कुमारसम्भव और मेघदूत को केवल लघुत्रयी कहलाने का गौरव प्राप्त है । फिर भी भावों की गहराई , कल्पना की उड़ान तथा प्रसादगुणयुक्त मंजी हुई भाषा के कारण लघुत्रयी पाठक को जैसा रस विभोर कर देती है, वैसा बृहत्त्रयी की रचनाएँ नहीं कर पातीं ।
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