भारतीय दर्शन की रूपरेखा – हरेंद्र प्रसाद सिन्हा – Bharatitya Darshan Ki Ruparekha – Harendra Prasad Sinha PDF

पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-

पुस्तक का नाम (Name of Book)भारतीय दर्शन की रूपरेखा /Bharatitya Darshan Ki Ruparekha PDF
पुस्तक का लेखक (Name of Author)Harendra Prasad Sinha
पुस्तक की भाषा (Language of Book) Hindi
पुस्तक का आकार (Size of Book)44 MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook)470
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)History

भारतीय दर्शन की रूपरेखा – हरेंद्र प्रसाद सिन्हा – Bharatitya Darshan Ki Ruparekha – Harendra Prasad Sinha के बारे में अधिक जानकारी :

दर्शन क्या है ?मनुष्य एक चिन्तनशील प्राणी है। सोचना मनुष्य का विशिष्ट गुण है। इसी गुण के फलस्वरूप वह पशुओं से भिन्न समझा जाता है। अरस्तू ने मनुष्य को विवेकशील प्राणी कहकर उसके स्वरूप को प्रकाशित किया है। विवेक अर्थात्_ बुद्धि की प्रधानता रहने के फलस्वरूप मानव विश्व की विभिन्न वस्तुओं को देखकर उनके स्वरूप को जानने का प्रयास करता रहा है। मनुष्य की बौद्धिकता उसे अनेक प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए बाध्य करती रही है।

वे प्रश्न इस प्रकारविश्व का स्वरूप क्या है ? इसकी उत्पत्ति किस प्रकार और क्यों हुई ? विश्व का कोई प्रयोजन है अथवा यह प्रयोजनहीन है ? आत्मा क्या है ? जीव क्या है ? ईश्वर है अथवा नहीं? ईश्वर का स्वरूप क्या है? ईश्वर के अस्तित्व का क्या प्रमाण है ? जीवन का चरम लक्ष्य क्या है? सत्ता का स्वरूप क्या है ? ज्ञान का साधन क्या है ? सत्य ज्ञान का स्वरूप और सीमाएं क्या है ? शुभ और अशुभ क्या है ? उचित और अनुचित क्या है ? नैतिक निर्णय का विषय क्या है ? व्यक्ति और समाज में क्या सम्बन्ध है ? इत्यादि ।

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