धम्मपद pdf in hindi | Dhammapad in Hindi PDF

पुस्तक का विवरण (Description of Book) :-

पुस्तक का नाम (Name of Book)धम्मपद | Dhammapad Hindi PDF
पुस्तक का लेखक (Name of Author)अनाम / Anonymous
पुस्तक की भाषा (Language of Book)हिंदी | Hindi
पुस्तक का आकार (Size of Book)8 MB
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook)152
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book)धार्मिक / Religious

पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-

जिस प्रकार महाभारत में भगवद्गीता एक छोटी किन्तु अमूल्य कृति है, उसी प्रकार त्रिपिटक में धम्मपद एक छोटा किन्तु मूल्यवान् र है। काल की दृष्टि से भगवद्गीता की अपेक्षा धम्मपद प्राचीन तर है।
भगवद्गीता की विशेषता है, कई दार्शनिक विचारों के समन्वय का प्रयक्ष; इसीलिए गीता के टीकाकारों में आपस में मतभेद है; लेकिन धम्मपद एक ही मार्ग है, एक ही शिक्षा है। उस पथ के पथिक का आदर्श निश्चित है।
यह बात शायद सार्थक है कि गीता की अपेक्षा प्राचीनतर होते हुए भी धम्मपद की केवल एक टीका-धम्मपद अट्टकथा उपलब्ध है, और भगवद्गीता की हैं जितने पण्डित उतनी भिन्न-मिन टीकाएँ ।
भगवद्गीता की तरह धम्मपद का बड़ा प्रचार है। प्राचीन काल में चीन, तिब्बती आदि भाषाओं में इसके अनुवाद हुए हैं। वर्तमान काल में संसार की सभी सभ्य भाषाओं में अँगरेजी, जर्मन, फ्रेंच आदि मेंवई कई अनुवाद हो चुके हैं। श्री० अल्बर्ट, जे० एडमन्ड अपने अँगरेजी अनुवाद की भूमिका में लिखते हैं :
“यदि एशिया-खण्ड में कभी किसी अविनाशी ग्रन्थ की रचना हुई, तो वह यह है।.

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